हमारे रामलला अब टेंट में नहीं, भव्य मंदिर में रहेंगे: अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा पर बोले पीएम नरेंद्र मोदी

रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi On Ayodhya Ram Mandir) ने कहा कि हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख और इस पल को याद रखेंगे. लोग हजारों साल बाद भी इस पल की चर्चा करेंगे.

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अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी ने 35 मिनट तक भाषण दिया.

नई दिल्ली:

अयोध्या के भव्य राम मंदिर में रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी (Ayodhya PM Modi) ने देश और नगर की जनता को संबोधित किया. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि कहने को तो कितना कुछ है, लेकिन गला जाम हो गया है. पीएम ने इस शुभ घड़ी की देसवासियों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने कहा कि वह गर्भगृह में ऐश्वर्य चेतना का साक्षी बनकर सबके सामने आए हैं. उन्होंने कहा कि अब रामलला (Ramlala) टेंट में नहीं रहेंगे, वे अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. पीएम मोदी ने विश्वास जताया कि जो घटित हुआ, उसकी अनुभूति देश और दुनिया के कोने-कोने में रामभक्तों को हो रही होगी. यह क्षण अलौकिक है. यह माहौल, यह घड़ी हम सब पर प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद है.

हजारों साल बाद भी होगी इस पल की चर्चा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हजार साल बाद भी लोग आज की इस तारीख और इस पल को याद रखेंगे. लोग हजारों साल बाद भी इस पल की चर्चा करेंगे. पीएम मोदी ने कहा कि ये राम की ये कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को जी रहे हैं और इसे साक्षात घटित होते देख रहे हैं. इसके साथ ही देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि वह भगवान राम से क्षमा याचना करते हैं, क्यों कि हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि इतनी सदियों तक यह कार्य नहीं किया जा सका. लेकिन आज वह कमी पूरी हुई है. पीएम ने विश्वास जताया कि भगवान राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे.

नए युग की शुरुआत
पीएम मोदी ने कहा- "हमारे रामलला अब टेंट में नहीं रहेंगे. हमारे रामलला अब दिव्य मंदिर में रहेंगे. मैं पूरी निष्ठा से विश्वास करता हूं कि जो कुछ हुआ है, उसका अनुभव देश और दुनिया के हर कोने में भगवान राम के भक्तों को होगा. यह क्षण अलौकिक है. यह समय सबसे पवित्र है. ये माहौल, ये ऊर्जा, ये पल... प्रभु श्री राम का आशीर्वाद है."

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पीएम ने कहा, "22 जनवरी, 2024... आज भगवान सूर्य की स्वर्णिम किरणों से नए युग की शुरुआत हुई है. 22 जनवरी, 2024 सिर्फ एक तारीख नहीं है, बल्कि ये नए युग की शुरुआत है. ये राम मंदिर भारत के उत्कर्ष-उदय का साक्षी बनेगा. लोग इस पल और तारीख को हजार साल तक याद रखेंगे."

यह समय सामान्‍य नहीं
अयोध्या को सोबंधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम बहुत सौभाग्‍यशाली हैं, जो रामलला की प्राण-प्रतिष्‍ठा पर मौजूद हैं. यह समय सामान्‍य समय नहीं है. यह काल के कपाल पर अमिट स्‍मृति रेखाए हैं. सभी जानते हैं कि जहां राम का काम होता है, वहां पवनपुत्र हनुमान जरूर विराजमान होते हैं. इसलिए वह रामभक्‍त हनुमान और हनुमानगढ़ी को प्रणाम करते हैं.

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गुलामी की मानसिकता को तोड़कर खड़ा हुआ राष्ट्र
पीएम मोदी ने कहा, "राम मंदिर के निर्माण के बाद से देशवासियों में नया उत्साह पैदा हो रहा था. आज हमें सदियों की धरोहर मिली है, श्रीराम का मंदिर मिला है. गुलामी की मानसिकता को तोड़कर उठ खड़ा होता राष्ट्र ऐसे ही नवइतिहास का सृजन करता है. श्रीराम की कितनी बड़ी कृपा है कि हम सब इस पल को घटित होते देख रहे हैं."

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अयोध्या ने सैकड़ों सालों का वियोग सहा
पीएम मोदी ने कहा कि आज हमें सदियों के उस धैर्य की धरोहर मिली है, आज हमें श्रीराम का मंदिर मिला है. पीएम ने कहा कि भगवना का आगमन देखकर ही सभी अयोध्यावासी और देशवासी हर्ष से भर गए हैं. लंबे वियोग से जो विपत्ति आई थी, उसका अंत हो गया. पीएम ने कहा कि उस सम तो राम से वियोग सिर्फ 14 सालों का था, तब भी सहन करने योग्य नहीं था. इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ों सालों का वियोग सहा है. हमारी कई-कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है.PM मोदी ने कहा कि राम को हर युग के लोगों ने जिया है. लोगों ने हर युग में अपने-अपने शब्दों में अपनी तरह से राम को अभिव्यक्त किया है. यह राम रस जीवन प्रवाह की तरह निरंतर बहता रहता है. पीएम ने कहा कि आज देश में निराशा के लिए बिल्कुल भी जगह नहीं है. 

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राम नेति भी और नीति भी
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राम भारत की आस्था हैं, भारत का आधार हैं, भारत का विचार हैं, भारत का विधान हैं,भारत की चेतना हैं, भारत का चिंतन हैं, भारत की प्रतिष्ठा हैं, भारत का प्रताप हैं, प्रभाव हैं, प्रवाह हैं, नेति भी हैं और राम नीति भी हैं. पीएम ने कहा कि राम नित्यता भी हैं और निरंतरता भी हैं, राम व्यापक हैं, विश्व हैं, विश्वात्मा हैं, इसलिए जब राम की प्रतिष्ठा होती है तो उसका प्रभाव शताब्दियों तक नहीं होता. उसका प्रभाव हज़ारों सालों तक होता है.

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प्रभु श्रीराम हमें माफ कर देंगे
प्रधानमंत्री ने कहा, "यह समय सामान्य नहीं है. ये समय के पहिये पर अमिट स्याही से अंकित होने वाली स्मृति की अमिट रेखाएं हैं. हम सभी जानते हैं कि जहां प्रभु श्रीराम का काम होता है वहां पवनपुत्र हनुमान अवश्य होते हैं. इसलिए मैं भक्त हनुमान और हनुमानगढ़ी को भी शत-शत नमन करता हूं. मैं माता जानकी, लक्ष्मण जी, भरत-शत्रुघ्न और सभी को शत-शत नमन करता हूं. मैं पवित्र नगरी अयोध्या और पवित्र सरयू नदी को भी अपना सम्मान अर्पित करता हूं. आज मैं प्रभु श्रीराम से क्षमा भी मांगता हूं.' हमारे प्रयासों में, हमारे त्याग में, हमारी तपस्या में कुछ न कुछ कमियां रही होंगी, जो हम इतनी शताब्दियों तक इस कार्य को पूरा नहीं कर सके. आज वह कमी पूरी हो गयी है. मुझे विश्वास है कि भगवान राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे."

न्यायपालिका के प्रति जताया आभार
पीएम मोदी ने इस दौरान भारतीय न्यायपालिका और सुप्रीम कोर्ट के प्रति आभार जताया. उन्होंने कहा, "भारत के संविधान की पहली प्रति में भगवान राम मौजूद हैं. संविधान आने के बाद भी भगवान श्रीराम के अस्तित्व को लेकर दशकों तक कानूनी लड़ाई चलती रही. मैं भारत की न्यायपालिका के प्रति आभार व्यक्त करता हूं, जिसने न्याय की गरिमा को बरकरार रखा."

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