प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज (शनिवार) G7 सम्मेलन के एक सत्र में शिरकत की. सत्र का टाइटल था- 'बिल्डिंग बैक स्ट्रॉन्गर हेल्थ'. यह सत्र कोरोनावायरस महामारी (Coronavirus Pandemic) से वैश्विक सुधार और भविष्य की महामारियों के खिलाफ लचीलापन मजबूत करने पर केंद्रित था. सत्र के दौरान पीएम मोदी ने भारत में COVID-19 संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान G7 और अन्य अतिथि देशों द्वारा दिए गए समर्थन की सराहना की. भारत, ऑस्ट्रेलिया, कोरिया गणराज्य और दक्षिण अफ्रीका को इस साल G7 शिखर सम्मेलन के लिए अतिथि देशों के रूप में आमंत्रित किया गया है.
पीएम मोदी ने महामारी से लड़ने के लिए भारत के 'समग्र समाज' के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला. साथ ही सरकार, उद्योग और नागरिक समाज के सभी स्तरों के प्रयासों का तालमेल बिठाया. उन्होंने देश में कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और वैक्सीन मैनेजमेंट के लिए डिजिटल टूल्स के भारत के सफल उपयोग के बारे में भी बताया और अन्य विकासशील देशों के साथ अपने अनुभव और विशेषज्ञता को साझा करने की भारत की इच्छा से भी अवगत कराया.
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक स्वास्थ्य शासन में सुधार के लिए सामूहिक प्रयासों के लिए भारत के समर्थन की प्रतिबद्धता जताई. उन्होंने कोविड संबंधित तकनीकों पर पेटेंट छूट के लिए भारत और दक्षिण अफ्रीका द्वारा WTO में लाए गए प्रस्ताव के लिए G7 का समर्थन मांगा. ऑस्ट्रेलिया और अन्य देशों ने इसका जोरदार समर्थन किया.
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प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि आज की बैठक से पूरी दुनिया के लिए 'एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य' का संदेश जाना चाहिए. जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने इसपर सहमति जताते हुए इसे दोहराया. उन्होंने भविष्य की महामारियों को रोकने के लिए वैश्विक एकता, नेतृत्व और एकजुटता का आह्वान किया. प्रधानमंत्री ने इस संबंध में लोकतांत्रिक और पारदर्शी समाजों की विशेष जिम्मेदारी पर भी जोर दिया. प्रधानमंत्री कल (रविवार) G7 शिखर सम्मेलन के अंतिम दिन भी भाग लेंगे और दो सत्रों को संबोधित करेंगे.
बताते चलें कि जी-7 देशों अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, इटली, फ्रांस, जर्मनी और जापान के साथ-साथ यूरोपीय संघ वैश्विक स्वास्थ्य पर चर्चा में शामिल हुए. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कहा, 'पिछले साल दुनिया ने कोरोना की कई प्रभावी वैक्सीन विकसित कीं, लाइसेंस हासिल किया और उन्हें तेजी से उनका निर्माण किया है और अब ये (वैक्सीन) लोगों को मिल रहे हैं, लेकिन हकीकत में कोविड को हराने और ठीक होने के लिए हमें इस तरह की महामारी को फिर से होने से रोकने की जरूरत है.'
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