ड्रोन से डिलिवरी, फ्लाइट जैसी सुविधाओं वाली बसें... गडकरी ने समझाया 5 साल में कितना बदल जाएगा ट्रांसपोर्ट

गडकरी कहते हैं, "मैं पेट्रोल-डीजल के विरोध में नहीं हूं. पेट्रोल और डीजल इंपोर्ट होता है. 22 लाख करोड़ रुपये का ये इंपोर्ट है. देश के आर्थिक हित में जरूरी हो कि इंपोर्ट कम हो. हमारे देश में स्वदेशी स्वावलंबन के आधार पर बायोफ्यूल और ऑल्टरनेटिव फ्यूल का इस्तेमाल करना चाहिए."

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के तीसरे कार्यकाल को 100 दिन पूरे हो चुके हैं. मंगलवार (17 सितंबर) को पीएम नरेंद्र मोदी का जन्मदिन भी है. मोदी सरकार 3.0 के 100 दिन पूरे होने पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने NDTV से बातचीत की. गडकरी ने सड़क परिवहन की नई परियोजनाओं, इंफ्रास्ट्रक्चर और टोल टैक्स को लेकर तमाम सवालों के जवाब दिए. गडकरी ने इसके साथ ही समझाया कि आने वाले 5 साल में ट्रांसपोर्ट कितना बदल जाएगा.

गाड़ियों के स्क्रैप का कॉन्सेप्ट सही
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने 15 साल पुरानी गाड़ियों के स्क्रैप के कॉन्सेप्ट को सही ठहराया है. उन्होंने कहा, "आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी होगी, तो उसका फ्यूल कॉस्ट 40 हजार रुपये होगा. नई गाड़ी लेंगे, तो उसका फ्यूल कॉस्ट 10 हजार रुपये है. इसलिए मैं इलेक्ट्रिक गाड़ियां लेने की सलाह देते हूं. हमारे देश को ऑटोमोबाइल सेक्टर में भी आत्मनिर्भर बनना चाहिए. मेरा विश्वास है कि हमारे देश को हम एक दिन चीन और अमेरिका से आगे लेकर जाएंगे और नंबर 1 पर पहुंचाएंगे. ऑटोमोबाइल सेक्टर देश में साढ़े 4 करोड़ रोजगार देती है. देश को सबसे ज्यादा एक्सपोर्ट ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री ही देती है. मुझे लगता है कि जो गाड़ी हम स्क्रैप करते हैं, उसका पार्ट रिसाइकिल होता है. आजकल स्क्रैप रिसाइकिल की फैक्ट्री गुरुग्राम और नोएडा में भी खुल गई है. जो लोग अपनी पुरानी गाड़ी स्क्रैप कर रहे हैं, उन्हें नई गाड़ी खरीदने  में 3 फीसदी का डिस्काउंट मिल रहा है."

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जल्द शुरू करेंगे फ्लाइट जैसी सुविधाओं वाली इलेक्ट्रिक बसें
गडकरी ने कहा, "सामान डिलिवरी के क्या भविष्य में ड्रोन का भी इस्तेमाल किया जा सकता है. ये एक फ्यूचरिस्टिक कॉन्सेप्ट है. इसपर काम चल रहा है. हम इलेक्ट्रिक बसें भी ला रहे हैं, जिनमें फ्लाइट जैसी सुविधाएं होंगी. ये बसें दो तरह की हैं. पहली 120 सीटर, जिसकी लंबाई 18 मीटर होगी. दूसरी बसें 24 मीटर की होंगी, जिनमें 125 लोगों के बैठने का इंतजाम होगा. बस स्टॉप पर ये 30 सेकेंड में चार्ज होगी और 40 किलोमीटर चलेगी. नागपुर में इसका पायलट प्रोजेक्ट चल रहा है. ये बसें दिल्ली से जयपुर, दिल्ली से देहरादून, दिल्ली से चंडीगढ़ रूट पर चलेगी. इन बसों में चाय, कॉफी और नाश्ता भी मिलेगा."

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फ्यूल का इंपोर्ट कम हुआ, तो प्रदूषण भी कंट्रोल में होगा
गडकरी कहते हैं, "मैं पेट्रोल-डीजल के विरोध में नहीं हूं. पेट्रोल और डीजल इंपोर्ट होता है. 22 लाख करोड़ रुपये का ये इंपोर्ट है. देश के आर्थिक हित में जरूरी हो कि इंपोर्ट कम हो. हमारे देश में स्वदेशी स्वावलंबन के आधार पर बायोफ्यूल और ऑल्टरनेटिव फ्यूल का इस्तेमाल करना चाहिए. जहां 120 रुपये का पेट्रोल लगता है, वहां CNG की कीमत 55-60 रुपये है. इसमें 8 रुपये की बिजली लगती है. CNG के पंप अब सब जगह बढ़ रहे हैं. अंदाजन 8 हजार CNG के पंप हुए हैं. अब तो LNG भी आ गया है. LNG का ट्रक 1600 किलोमीटर जाता है."

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नितिन गडकरी कहते हैं, "जाहिर तौर पर अगर फ्यूल का इंपोर्ट कम हुआ, तो प्रदूषण भी कम होगा. क्योंकि दिल्ली में 40 फीसदी प्रदूषण पेट्रोल-डीजल गाड़ियों से ही होता है. ऐसे में अगर हम CNG, इलेक्ट्रिक या बायोफ्यूल की तरफ जाते हैं, तो इससे न सिर्फ प्रदूषण कम होगा, बल्कि लॉजिस्टिक कॉस्ट भी कम हो जाएगी. मैं यकीन के साथ कहता हूं कि आने वाले 10 साल में भारत की लॉजिस्टिक कॉस्ट सिंगल डिजिट यानी 9% में आएगी."

टोल लेते हैं तो रोड भी अच्छा चाहिए
गडकरी ने टोल टैक्स को लेकर पूछे गए सवाल पर कहा, "रोड में खराबी होगी और हम टोल लेंगे. लोगों का इस पर सवाल करना जायज भी है. इसलिए हमारा काम है कि हम अच्छी सड़के दें.. हम सरकार के बजट पर इतनी सड़कें नहीं बना सकते हैं और इतना टोल मिलता भी नहीं है. इसलिए हमें कर्जा लेना पड़ता है. जिसकी भरपाई के लिए टोल लिया जाता है."

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पूर्ण बहुमत से दूर BJP को सरकार के कामकाज में क्या आई दिक्कत?
तीसरे कार्यकाल में BJP के पास पूर्ण बहुमत नहीं है, ऐसे में क्या सरकार के कामकाज करने में कोई फर्क आया है? इसके जवाब में नितिन गडकरी ने कहा,  "मुझे कोई फर्क नहीं दिखता. पिछली 2 सरकारों और तीसरे कार्यकाल में हमारे काम करने में कोई अंतर नहीं आया है. हमें NDA के सहयोगी दलों का पूरा सहयोग मिल रहा है. इसलिए हम उसी रफ्तार के आगे बढ़ रहे हैं. पीएम मोदी के नेतृत्व में हमारी ट्रेन की स्पीड बुलेट जैसी हो गई है."

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जो भी काम कर रहा, उसका क्रेडिट पीएम मोदी को
मंत्रालयों के बंटवारे को लेकर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा, "ये तो पीएम मोदी का अधिकार हैं. वही तय करते हैं कि किसे कौन सा मंत्रालय सौंपना है. उन्होंने मुझे ये काम करने का मौका दिया. इसलिए उसका श्रेय भी उन्हीं को जाता है." गडकरी ने कहा, "पीएम मोदी की अगुवाई में मुझे जो करने का अवसर मिला है, मेरे लिए ये भाग्य की बात है. मैं लगातार देश के लिए ट्रांसपोर्ट सेक्टर, रोड, अल्टरनेटिव और बायोफ्यूल सेक्टर में काम करने की कोशिश कर रहा हूं. इंफ्रास्ट्रक्चर को कैसे इंटरनेशल स्टैंडर्ड का बनाया जाए, हमारी सरकार इसी दिशा में काम कर रही है. पीएम मोदी का जोर भी इसी पर है."

पीएम मोदी के विजन 2027 पर क्या है सरकार का प्लान?
पीएम मोदी ने 2047 तक विकसित भारत का विजन रखा था. इससे जुड़े सवाल पर नितिन गडकरी ने कहा, "2047 के लिए विकसित भारत के विजन में इंडस्ट्रीज, रेल, बिजनेस, इंफ्रास्ट्रक्चर, वॉटर, ट्रांसपोर्ट, कम्युनिकेशन सेक्टर में भविष्य की प्लानिंग शामिल हैं. हमारी सरकार ने इस सभी सेक्टर में फ्यूचरिस्टिक प्लानिंग और फ्यूचरिस्टिक विजन के साथ प्लान बनाना और उसे जमीन पर उतारना है."

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गडकरी ने कहा, "इसमें पोर्ट बनाना, रेलवे कनेक्टिविटी को मजबूत करना, पोर्ट के साथ रेलवे और एयरपोर्ट को कनेक्ट करना शामिल है. सामाजिक, आर्थिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों को मेनस्ट्रीम में लाना शामिल है. सरकार की कोशिश है कि भारत का एक्सपोर्ट बढ़े. इंडस्ट्री-बिजनेस बढ़े. हमारे देश में रोजगार के नए मौके पैदा हो. प्रति व्यक्ति आय बढ़े. सरकार इसी दिशा में काम कर रही है."

पीएम बनने के प्रस्ताव का भी दिया जवाब
"विपक्ष की तरफ से ये प्रस्ताव आया था. मैं नाम नहीं लेना चाहता. मैं उनसे कहा आप क्यों मुझे पीएम बनाएंगे और मैं क्यों पीएम बनूंगा. मैं 1975 के संघ का प्रोडक्ट हूं. बीजेपी का कार्यकर्ता हूं. मैं जब तक पॉलिटिक्स में रहूंगा सही दिशा में काम करता रहूंगा. इस देश में विचार भिन्नता समस्या नहीं है, बल्कि विचार शून्यता समस्या है. मैं अपनी विचारधारा के प्रति समर्पित हूं. संगठन के प्रति समर्पित हूं."

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