पीएम मोदी का है 2047 में विकसित भारत का सपना, अरविन्द पानगड़िया से जानिए क्या है रास्ता

16वें वित्त आयोग के प्रमुख अरविन्द पानगड़िया ने एनडीटीवी से कहा था कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी है कि प्रति व्यक्ति आय 12800-12900 डॉलर हो. इसके लिए जीडीपी की विकास दर 7.6 फीसदी होनी चाहिए.

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नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को बजट सत्र शुरू होने से पहले संसद परिसर में मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का संकल्प एक बार फिर दोहराया. उन्होंने कहा कि 140 करोड़ देशवासियों के सहयोग से इस लक्ष्य को भारत हासिल करके रहेगा. इसके लिए उन्होंने रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म का मंत्र दिया. विकसित भारत का यह सपना कैसे पूरा होगा और इसके लिए कितने विकास दर की जरूरत होगी, इन्हीं सब सवालों पर एनडीटीवी ने 16वें वित्त आयोग के प्रमुख अरविन्द पानगड़िया से बातचीत की थी. उन्होंने भी विश्वास जताया था कि भारत इस लक्ष्य को हासिल कर लेगा.

क्या है विकसित भारत का रोडमैप

एनडीटीवी के एडिटर इन चीफ संजय पुगलिया ने अरविन्द पानगड़िया से पूछा था कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए कैसे आर्थिक कदम उठाने की जरूरत है.इस सवाल पर पानगड़िया ने कहा कि 2047 तक भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जरूरी है कि हमारी प्रति व्यक्ति आय 12800-12900 डॉलर हो. उन्होंने कहा कि 2022-2023 में भारत की प्रति व्यक्ति आय करीब ढाई हजार डॉलर थी, इसके 2047 तक करीब 13 हजार डॉलर तक पहुंचाने के लिए प्रति व्यक्ति आय में 7.6 फीसदी की विकास दर चाहिए. लेकिन अगर हम अपने जीडीपी ग्रोथ को देखें तो यह रियल सेंस में 7.9 फीसदी की रही है. उन्होंने कहा कि डॉलर के अंदर रुपये की वैल्यू बढ़ी है, इसलिए जीडीपी बढ़ा है. इसे देखते हुए हमें लगता है कि अगले 25 सालों में हम इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे और हमारी जीडीपी की विकास दर 8 या 8.2 फीसदी तक होगी. उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में सुधार पहले ही किए जा चुके हैं.

विकसित भारत के रास्ते की रुकावटें

विकसित भारत के रास्ते में आने वाली रुकावटों के सवाल पर पानगड़िया ने कहा था कि उन्हें नहीं लगता कि इस रास्ते में  अंतरराष्ट्रीय रुकावटें आएंगीं. उन्होंने कहा कि डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल में अमेरिका-चीन का टैरिफ वॉर हुआ और यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर कई तरह की पाबंदियां लगाई गईं, इसके बाद भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में ट्रेड का ग्रोथ जारी रहा.

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पानगड़िया ने कहा कि कोविड से पहले 19 ट्रिलियन डॉलर का मर्केंडाइज और करीब छह ट्रिलियन डॉलर का सर्विस सेक्टर का एक्सपोर्ट मार्केट था. कोविड के बाद तमाम तरह की परेशानियों के बाद भी मर्केंडाइज एक्सपोर्ट का मार्केट बढ़कर 25 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंच गया और  सर्विस सेक्टर का एक्सपोर्ट मार्केट सात ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया.उनका कहना था कि 32 ट्रिलियन डॉलर का यह एक्सपोर्ट मार्केट बहुत बड़ा एक्सपोर्ट मार्केट है. इसमें भारत का हिस्सा मर्केंडाइज में दो फीसदी और सर्विट सेक्टर में करीब चार फिसदी का है, हम इसे बढ़ा सकते हैं. यह अवसर हमारे पास है. इसे देखते हुए लगता है कि हमें किसी रुकावट की आशंका नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां तक विनाशकारी घटनाओं की बात रही तो उससे केवल हम ही नहीं बल्कि सभी लोग प्रभावित होंगे.

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