PM Modi launched Unique Health Card : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को डिजिटल हेल्थ मिशन (Digital Health Mission) का आगाज किया. इसके तहत हर नागरिक का होगा आधार जैसा यूनीक हेल्थ कार्ड Unique Health Card होगा. यह योजना फिलहाल छह केंद्रशासित प्रदेशों से शुरू की जाएगी और फिर पूरे देश के राज्यों में लागू की जाएगी. पीएम मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर ऐलान किया था कि देश में हेल्थ आईडी कार्ड लाया जाएगा, जिसमें नागरिक की सेहत का पूरा रिकॉर्ड (Digital Health Card) होगा. पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश गर्व के साथ कह सकता है कि 130 करोड़ से ज्याा आधार कार्ड बन चुके हैं. देश में अब 80 करोड़ इंटरनेट यूजर हैं. देश में 43 करोड़ से ज्यादा जनधन खाते हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि इतना बड़ा डिजिटल नेटवर्क कहीं नहीं हैं. यूपीआई के माध्यम से कभी भी कहीं भी डिजिटल लेनदेन में आज भारत दुनिया में अपनी पहचान बना रहा है. ई रुपे वाउचर भी एक सामान्य पहल है. आरोग्य सेतु ऐप से कोरोना संक्रमण की रोकथाम में बड़ी मदद मिली है. इससे लोगों को काफी जागरूक बनाया गया है.
डिजिटल हेल्थ योजना : किस डॉक्टर ने आपको कौन सी दवा कब दी है, हर चीज का रिकॉर्ड
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान योजना के तहत दो करोड़ से ज्यादा मुफ्त इलाज का लाभ उठा चुके हैं. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल हैं. वहीं ई संजीवनी योजना के तहत सवा करोड़ से ज्यादा लोग घर बैठे प्रख्यात डॉक्टरों से चिकित्सा सलाह ले चुके हैं. पीएम मोदी ने कहा कि बुजुर्ग औऱ महिलाएं कहती थीं कि वो इसलिए इलाज नहीं कराते हैं क्योंकि अपनी संतानों पर कोई कर्ज नहीं छोड़कर जाना चाहते. पीएम मोदी ने कहा कि अभी तो कोरोना काल है, लेकिन इससे पहले वो जब भी राज्यों में जाते थे तो आयुष्मान योजना के लाभार्थियों से मुलाकात करते थे.
पीएम मोदी ने कहा कि आयुष्मान भारत के सैकड़ों लाभार्थियों से वो खुद रूबरू होचुके हैं. उन्होंने कहा कि बरसों तक पथरी का दर्द सहने के बाद ऑपरेशन करा पानेवाली बूढ़ी मां को वो कभी नहीं भूल पाते हैं. आयुष्मान योजना ऐसे लोगों के लिए बड़ा संबल बनी है. पीएम मोदी ने कहा कि जो फिल्म आयुष्मान हेल्थ योजनाको लेकर यहां दिखाई गई है, उसमें ऐसे ही हजारों लाभार्थियों की कहानी बताई गई है. इससे लाखों परिवार गरीबी के कुचक्र में जाने से बचे हैं. हर कोई गरीबी से बाहरआने की कोशिश में जुटा है.
पीएम मोदी ने कहा कि बीमारी परिवारों को गरीबी के कुचक्र से बाहर नहीं आने देती है. डिजिटल हेल्थ मिशन समेत जो भी स्वास्थ्य क्षेत्र में उपाय सरकार ला रही है, वो लोगों की मदद करेंगे. डिजिटल हेल्थ मिशन के तहत अस्पतालों में इलाज में लगने वाला समय बर्बाद नहीं हो जाएगा. इसके तहत एक यूनीक हेल्थ कार्ड होगा,जिससे मरीजों को अपनी बीमारी और इलाज का फाइलों का रिकॉर्ड साथ लेकर नहीं चलना पड़ेगा.
डॉक्टर भी एक क्लिक पर मरीज का पूरा हेल्थ रिकॉर्ड देख लेंगे. अक्सर ज्यादातर मरीज जब डॉक्टर के पास जाते हैं तो उनके पास कोई मेडिकल रिकॉर्डही नहीं होता है. इससे डॉक्टर को शुरू से काम करना पड़ता है. मेडिकल हिस्ट्री न होने से मरीजों और डॉक्टरों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.