पीएम मोदी के दक्षिण भारत के दौरे, क्या बीजेपी के लिए लोकसभा चुनाव में जीत का रास्ता बनाना है मकसद?

पीएम मोदी के चार दिन में राम के चार धामों के दौरे, वे 12 जनवरी को नासिक के कालाराम मंदिर, 16 जनवरी को आंध्रप्रदेश के लेपाक्षी, 17 जनवरी को केरल के रामास्वामी मंदिर गए और 19 जनवरी को ज्योतिर्लिंग रामेश्वरम जाएंगे

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
पीएम नरेंद्र मोदी दक्षिण भारत के चार दिन के दौरे पर हैं.
नई दिल्ली:

जहां भी बीजेपी खुद को कमजोर पाती है, वहां मजबूती का जिम्मा पीएम मोदी के कंधों पर जाता है. दक्षिण भारत में बीजेपी की उम्मीदों की नाव को पार लगाने की जिम्मेदारी भी पीएम मोदी पर आ गई है. इसीलिए वे लगातार दक्षिण भारत के दौरे पर हैं. 

पूरी दुनिया की  नजरें इन दिनों अयोध्या की ओर हैं जहां 22 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों से रामलला की प्राण प्रतिष्ठा होने वाली है. लेकिन उससे पहले प्रधानमंत्री मोदी खुद ही दक्षिण भारत में हैं. वहां कभी वे उस लेपाक्षी मंदिर में जाते हैं जहां भगवान राम की मुलाकात गिद्ध राज जटायु से हुई थी तो कभी केरल में त्रिशूर के श्रीगुरुवयूर मंदिर में, जो भगवान कृष्ण के रूप हैं. 

दक्षिण भारत की स्थानीय पहचान और अस्मिता से खुद को जोड़कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किस मकसद को साध रहे हैं. क्या एक प्रधानमंत्री के रूप में वे उत्तर और दक्षिण भारत के सांस्कृतिक संबधों को मजबूत बनाने वाला जोड़ बनना चाहते हैं? क्या प्रधानमंत्री मोदी दक्षिण भारत को यह संदेश देना चाहते हैं कि उनकी कितनी अहमियत है? या पीएम मोदी इस दक्षिण कनेक्शन से उधर भी लोकसभा चुनावों में शानदार जीत हासिल करना चाहते हैं, जिससे बीजेपी का मिशन 400 पूरा हो सके?

Advertisement

प्रधानमंत्री मोदी विशुद्ध दक्षिण भारतीय परिधानों में ही नजर आए. केरल के त्रिशूर में गुरुवयूर मंदिर में भगवान श्री कृष्ण की पूजा अर्चना के बाद त्रिप्रयार के रामास्वामी मंदिर में पीएम मोदी पहुंचे. वहां भी परंपरागत परिधानों में ही वे दिख रहे थे. रामास्वामी मंदिर में भगवान राम की छह फीट ऊंची प्रतिमा है जिसमें भगवान चतुर्भुज रूप में दिखते हैं. 

Advertisement
अयोध्या जाने से पहले पीएम मोदी  दक्षिण भारतीय राज्यों के दौरे पर

अयोध्या जाने से पहले प्रधानमंत्री मोदी चार दिन में तीन दक्षिण भारतीय राज्यों का दौरा कर रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को पीएम मोदी चेन्नई पहुंचेंगे, जहां के प्रमुख मंदिरों में उनके दर्शन पूजन करने की खबर है. यह भी खबर है कि वे रामेश्वरम भी जाएंगे जो द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है और जिसकी स्थापना खुद भगवान राम ने की थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तिरुचिरापल्ली के श्री रंगनाथस्वामी मंदिर में दर्शन करेंगे. पीएम मोदी अरिचल मुनई और कोतांडरम स्वामी मंदिर में भी दर्शन और पूजा करने वाले हैं. जिस तेजी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण की परंपराओं से खुद को जोड़ रहे हैं, उसकी झलक उन्होंने काफी पहले दे दी थी.

Advertisement

इस पूरी कड़ी में देखिए तो 12 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए अनुष्ठान शुरू करने से तमिलनाडु तक पीएम मोदी चार ऐसे पवित्र स्थलों से जुड़ते दिखे, जिनसे भगवान राम का सीधा संबंध रहा है. वे 12 जनवरी को नासिक में उस कालाराम मंदिर में गए जहां पंचवटी में वनवास के दौरान भगवान राम रहे थे. वे 16 जनवरी को आंध्र प्रदेश के लेपाक्षी में पहुंचे जहां सीता को ढूंढने के क्रम में भगवान राम की मुलाकात गिद्ध राज जटायु से हुई थी.पीएम मोदी 17 जनवरी को केरल में भगवान राम के चतुर्भुज रूप वाले रामास्वामी मंदिर में गए और 19 जनवरी को सेतु बंधन वाले रामेश्वरम में पहुचेंगे जहां से भगवान राम लंका गए थे.

Advertisement

तमिलनाडु से बीजेपी को भले ही एक भी सीट ना मिली हो लेकिन वहां से आने वाले एल मुरुगन को पीएम मोदी ने अपनी कैबिनेट में राज्यमंत्री बनाया. पोंगल के मौके पर पीएम मोदी उनके घर पहुंचे और पूरे विधिविधान के साथ नए वर्ष के इस त्योहार को मनाया. तमिलनाडु से दिल्ली की दूरी भले ही ढाई हजार किलोमीटर है लेकिन शुद्ध परंपरागत तमिल परिधान में आकर मोदी ने दिल्ली से ही तमिलनाडु को अपने भावुक रिश्तों की डोर को बांधने की कोशिश की है.

Featured Video Of The Day
Mumbai: ये कैसी आर्थिक राजधानी? VIP इलाके में Washroom के लिए Protest, 1200 परिवार खुले में शौच को मजबूर
Topics mentioned in this article