प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार को जानेमाने स्वतंत्रता सेनानी एवं शिक्षाविद् मदन मोहन मालवीय की 162वीं जयंती पर उनके लेखों एवं भाषणों के संग्रह की पहली श्रृंखला का विमोचन करेंगे. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि अमृत काल में, देश के लिए बहुत बड़ा योगदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को उचित मान्यता प्रदान करना प्रधानमंत्री का दृष्टिकोण रहा है. इसमें कहा गया, 'कलेक्टेड वर्क्स ऑफ पंडित मदन मोहन मालवीय' इस दिशा में एक प्रयास है.
इसमें कहा गया है कि 4,000 पन्नों वाली एवं 11 खंडों वाली द्विभाषी (अंग्रेजी और हिंदी) कृति देश के कोने-कोने से एकत्र किए गए मालवीय के लेखों और भाषणों का संग्रह है.
इन खंडों में उनके अप्रकाशित पत्र, लेख और भाषण, ज्ञापन सहित, 1907 में उनके द्वारा शुरू किए गए हिंदी साप्ताहिक 'अभ्युदय' की संपादकीय सामग्री, समय-समय पर उनके द्वारा लिखे गए लेख, पर्चे और पुस्तिकाएं और 1903 और 1910 के बीच आगरा और अवध के संयुक्त प्रांत की विधान परिषद में दिए गए सभी भाषण शामिल हैं.
मालवीय द्वारा लिखे और दिये गए भाषण से संबंधित दस्तावेजों पर शोध और संकलन का कार्य महामना मालवीय मिशन द्वारा किया गया, जो उनके विचारों के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित एक संस्था है.
बयान में कहा गया है कि वरिष्ठ पत्रकार राम बहादुर राय के नेतृत्व में एक समर्पित टीम ने भाषा और पाठ में कोई बदलाव किए बिना मालवीय के मूल साहित्य पर काम किया है. बयान में कहा गया है कि इन पुस्तकों का प्रकाशन सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत प्रकाशन प्रभाग द्वारा किया गया है.