भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम का क्या है PM मोदी का विजन? तीसरे टर्म में कैसे पाएंगे इससे पार

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्‍टाचार के महिमामंडन को लेकर चिंता जताई है. साथ ही पीएम मोदी ने कहा है कि अब मगरमच्छ पकड़े जाने लगे हैं तो हमें सवाल पूछा जा रहा है कि मगरमच्छों को क्यों पकड़ते हो.

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नई दिल्‍ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि भारत के लोग भ्रष्‍टाचार से तंग आ चुके हैं. भ्रष्‍टाचार दीमक की तरह देश की सारी व्‍यवस्‍थाओं को खोखला कर रहा है. पीएम मोदी ने भ्रष्‍टाचार के खिलाफ मुहिम को लेकर अपने विजन सामने रखा और बताया कि कैसे वे तीसरे टर्म में इससे पार पाएंगे. आईएएनएस को दिए एक इंटरव्‍यू में पीएम मोदी ने कहा कि अब मगरमच्छ पकड़े जाने लगे हैं तो हमें सवाल पूछा जा रहा है कि मगरमच्छों को क्यों पकड़ते हो. ये समझ में नहीं आता है कि ये कौन सा गैंग है, खान मार्केट गैंग, जो कुछ लोगों को बचाने के लिए इस प्रकार के नैरेटिव गढ़ता है. साथ ही उन्‍होंने भ्रष्‍टाचार के महिमामंडन पर चिंता व्‍यक्‍त की है.  

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा इंटरव्‍यू, यहां पढ़ें : 

आईएएनएस के इंटरव्‍यू के दौरान पीएम मोदी से सवाल पूछा गया था कि आप ने भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम तेज करने की बात कही है, अगली सरकार जब आएगी तो आप क्या करने जा रहे हैं ? क्या जनता से लूटा हुआ पैसा जनता तक किसी योजना या विशेष नीति के जरिए वापस पहुंचेगा? इस पर पीएम मोदी ने कहा, "भारत के लोग भ्रष्टाचार से तंग आ चुके हैं. दीमक की तरह भ्रष्टाचार देश की सारी व्यवस्थाओं को खोखला कर रहा है. भ्रष्टाचार के लिए आवाज भी बहुत उठती है. जब मैं 2013-14 में चुनाव के समय भाषण करता था और मैं भ्रष्टाचार की बातें बताता था तो लोग अपना रोष व्यक्त करते थे. लोग चाहते थे कि हां कुछ होना चाहिए. 

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भ्रष्‍ट लोगों के महिमामंडन पर जताई चिंता 

पीएम मोदी ने इंटरव्‍यू के दौरान भ्रष्‍ट लोगों के महिमांडल पर चिंता जताई है. उन्‍होंने कहा, "पकड़ने का काम एक इंडिपेंडेंट एजेंसी करती है. उसको जेल में रखना कि बाहर रखना, उसके ऊपर केस ठीक है या नहीं है, ये न्यायालय तय करता है, उसमें मोदी का कोई रोल नहीं है, इलेक्टेड बॉडी का कोई रोल नहीं है. लेकिन, आजकल मैं हैरान हूं. दूसरा जो देश के लिए चिंता का विषय है वो भ्रष्ट लोगों का महिमामंडन है. हमारे देश में कभी भी भ्रष्टाचार में पकड़े गए लोग या किसी को आरोप भी लगा तो लोग 100 कदम दूर रहते थे. आजकल तो भ्रष्ट लोगों को कंधे पर बिठाकर नाचने का फैशन हो गया है." 

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इसके साथ ही पीएम मोदी ने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा, "जो लोग कल तक जिन बातों की वकालत करते थे, आज अगर वही चीजें हो रही हैं तो वो उसका विरोध कर रहे हैं. पहले तो वही लोग कहते थे सोनिया जी को जेल में बंद कर दो, फलाने को जेल में बंद कर दो और अब वही लोग चिल्लाते हैं. इसलिए मैं मानता हूं आप जैसे मीडिया का काम है कि लोगों से पूछे कि बताइए छोटे लोग जेल जाने चाहिए या मगरमच्छ जेल जाने चाहिए. पूछो जरा पब्लिक को क्या ओपिनियन है, ओपिनियन बनाइए आप लोग." 

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पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस पर बल दिया : PM मोदी 

उन्‍होंने कहा, "अब हमने आकर सिस्टमैटिकली उन चीजों को करने पर बल दिया कि सिस्टम में ऐसे कौन से दोष हैं अगर देश पॉलिसी ड्रिवन है, ब्लैक एंड व्हाइट में चीजें उपलब्ध हैं कि भई ये कर सकते हो, ये नहीं कर सकते हो. ये आपकी लिमिट है, इस लिमिट के बाहर जाना है तो आप नहीं कर सकते हो, कोई और करेगा मैंने उस पर बल दिया. ये बात सही है... लेकिन, ग्रे एरिया मिनिमम हो जाता है, जब ब्लैक एंड व्हाइट में पॉलिसी होती है और उसके कारण डिस्क्रिमिनेशन के लिए कोई संभावना नहीं होती है, तो हमने एक तो पॉलिसी ड्रिवन गवर्नेंस पर बल दिया. 

सैचुरेशन, करप्शन फ्री गवर्नेंस की गारंटी : PM मोदी 

पीएम मोदी ने कहा, "दूसरा हमने स्कीम्स के सैचुरेशन पर बल दिया कि भई 100% जो स्कीम जिसके लिए है, उन लाभार्थियों को 100% ... जब 100% है तो लोगों को पता है मुझे मिलने ही वाला है तो वो करप्शन के लिए कोई जगह ढूंढेगा नहीं. करप्शन करने वाले भी कर नहीं सकते क्योंकि वो कैसे-कैसे कहेंगे, हां हो सकता है कि किसी को जनवरी में मिलने वाला मार्च में मिले या अप्रैल में मिले, ये हो सकता है, लेकिन उसको पता है कि मिलेगा और मेरे हिसाब से सैचुरेशन, करप्शन फ्री गवर्नेंस की गारंटी देता है. सैचुरेशन सोशल जस्टिस की गारंटी देता है, सैचुरेशन सेकुलरिज्म की गारंटी देता है. ऐसे त्रिविध फायदे वाली हमारी दूसरी स्कीम, तीसरा मेरा प्रयास रहा कि मैक्सिमम टेक्नोलॉजी का उपयोग करना. टेक्नोलॉजी में भी... क्योंकि रिकॉर्ड मेंटेन होते हैं, ट्रांसपेरेंसी रहती है. अब डायरेक्ट बेनेफिट ट्रांसफर में 38 लाख करोड़ रुपए ट्रांसफर किए हमने."  

हम बदइरादे से कुछ नहीं करेंगे : PM मोदी 

इसके साथ ही उन्‍होंने राजीव गांधी के भ्रष्‍टाचार को लेकर दिए बयान का जिक्र करते हुए कहा, "अगर राजीव गांधी के जमाने की बात करें कि एक रुपया जाता है 15 पैसा पहुंचता है तो 38 लाख करोड़ तो हो सकता है 25-30 लाख करोड़ रुपया ऐसे ही गबन हो जाते तो हमने टेक्नोलॉजी का भरपूर उपयोग किया है."

उन्‍होंने कहा, "जहां तक करप्शन का सवाल है, देश में पहले क्या आवाज उठती थी कि भई करप्शन तो हुआ लेकिन उन्होंने किसी छोटे आदमी को सूली पर चढ़ा दिया. सामान्य रूप से मीडिया में भी चर्चा होती थी कि बड़े-बड़े मगरमच्छ तो छूट जाते हैं, छोटे-छोटे लोगों को पकड़कर आप चीजें निपटा देते हो. फिर एक कालखंड ऐसा आया कि हमें पूछा जाता था 19 के पहले कि आप तो बड़ी-बड़ी बातें करते थे, क्यों कदम नहीं उठाते हो, क्यों अरेस्ट नहीं करते हो, क्यों लोगों को ये नहीं करते हो. हम कहते थे भई ये हमारा काम नहीं है, ये स्वतंत्र एजेंसी कर रही है और हम बदइरादे से कुछ नहीं करेंगे. जो भी होगा, हमारी सूचना यही है जीरो टॉलरेंस."

बड़े लोग पकड़े जाने लगे तो आप चिल्लाने लगे : PM मोदी 

पीएम मोदी ने कहा, "तथ्यों के आधार पर ये एक्शन होना चाहिए, परसेप्शन के आधार पर नहीं होना चाहिए. तथ्य जुटाने में मेहनत करनी पड़ती है. अब अफसरों ने मेहनत भी की, अब मगरमच्छ पकड़े जाने लगे हैं तो हमें सवाल पूछा जा रहा है कि मगरमच्छों को क्यों पकड़ते हो. ये समझ में नहीं आता है कि ये कौन सा गैंग है, खान मार्केट गैंग, जो कुछ लोगों को बचाने के लिए इस प्रकार के नैरेटिव गढ़ती है. पहले आप ही कहते थे छोटों को पकड़ते हो बड़े छूट जाते हैं, जब सिस्टम ईमानदारी से काम करने लगा, बड़े लोग पकड़े जाने लगे तब आप चिल्लाने लगे हो." 

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(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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