प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने परियोजनाओं में देरी और वोट बैंक की राजनीति को लेकर पिछली सरकारों पर मंगलवार को निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार ने ‘नयी कार्य संस्कृति' की शुरुआत की है. पीएम मोदी सिलवासा में एक चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन करने और केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव में 4,800 करोड़ रुपये से अधिक की विभिन्न अन्य परियोजनाओं का शुभारंभ करने के बाद एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने फ्लाईओवर, स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल, समुद्र तट विकास, जल आपूर्ति, एक सभागार और एक खेल परिसर सहित 96 परियोजनाओं का उद्घाटन या शिलान्यास किया.
सिलवासा में केंद्र द्वारा वित्त पोषित ‘नमो चिकित्सा शिक्षा और शोध संस्थान' केंद्र शासित प्रदेश का पहला चिकित्सा महाविद्यालय है, जिसका निर्माण 203 करोड़ रुपये की लागत से किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने इस चिकित्सा महाविद्यालय का वर्ष 2019 में शिलान्यास किया था. उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले जिन सरकारी परियोजनाओं की आधारशिला रखी जाती थी, उनमें वर्षों की देरी होती थी. हालांकि पिछले नौ वर्षों में हमने देश में एक नयी कार्यशैली विकसित की है. अब जिस कार्य की नींव रखी जाती है, उसे तेजी से पूरा करने का भी भरसक प्रयास किया जाता है. एक काम पूरा करते ही हम दूसरा काम शुरू कर देते हैं.''
उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार का ध्यान हर क्षेत्र का संतुलित विकास सुनिश्चित करने पर है. पीएम मोदी ने कहा कि देश का यह भी दुर्भाग्य रहा है कि अनेक दशकों तक विकास को राजनीति के वोटबैंक के तराजू पर ही तौला गया. उन्होंने कहा, ‘‘परियोजनाओं की घोषणाएं होती थीं, लेकिन इसके केंद्र में कहां से कितना वोट मिलेगा और किस वर्ग को खुश करने से वोट मिलेगा, यह हुआ करता था. जिनकी पहुंच नहीं थी, जिनकी आवाज कमजोर थी, वो अभाव में रहे और विकास यात्रा में पीछे छूटते गए. यही कारण है कि हमारे आदिवासी और सीमावर्ती क्षेत्र विकास से वंचित रह गए.''
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस तरह की कार्यप्रणाली से केंद्र शासित प्रदेश और इसके लोगों को भी नुकसान उठाना पड़ा है. उन्होंने दावा किया कि मौजूदा केंद्र सरकार सबका साथ-सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मंत्र पर चल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘देश के हर क्षेत्र का विकास हो, देश के हर क्षेत्र का संतुलित विकास हो, इस पर हमारा बहुत जोर है.'' उन्होंने कहा, 'यह मेडिकल कॉलेज इस क्षेत्र के लोगों के साथ हुए अन्याय की गवाही है. यह पहला मेडिकल कॉलेज है, जो केंद्र शासित प्रदेश में बना है.''
किसी पार्टी का नाम लिए बगैर प्रधानमंत्री ने कहा कि आजादी के बाद दशकों तक शासन करने वालों ने स्थानीय युवाओं के साथ हुए अन्याय के बारे में कभी नहीं सोचा. उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकारों ने कभी ध्यान नहीं दिया, क्योंकि यह क्षेत्र छोटा है. लेकिन जैसे ही आपने मुझे 2014 में मौका दिया, हमने समर्पण के साथ काम करना शुरू कर दिया और यही कारण है कि इस केंद्र शासित प्रदेश को आज अपना पहला मेडिकल कॉलेज मिला, जहां हर साल 150 स्थानीय युवाओं को प्रवेश दिया जाएगा. कुछ वर्षों में, इस कॉलेज से लगभग 1,000 डॉक्टर निकलेंगे और उनमें से कई स्थानीय आदिवासी युवा होंगे.''
उन्होंने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के दमन शहर में 300 बिस्तरों वाला अस्पताल निर्माणाधीन है. नीति में हालिया बदलाव का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि मेडिकल और इंजीनियरिंग के छात्र अब स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई कर सकते हैं. मोदी ने कहा, ‘‘चूंकि ये पाठ्यक्रम पहले केवल अंग्रेजी में थे, इसलिए दलित और अन्य वंचित वर्गों के कई मेधावी छात्र डॉक्टर और इंजीनियर नहीं बन सकते थे. लेकिन अब उनके पास अपनी स्थानीय भाषा में अध्ययन करने का विकल्प है. नतीजतन, एक गरीब महिला का बेटा या बेटी अब डॉक्टर बनने का सपना देख सकती है.''
पीएम मोदी ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश के आकार में अपेक्षाकृत छोटा होने के बावजूद, केंद्र ने पिछले पांच वर्षों में विकास परियोजनाओं पर लगभग 5,500 करोड़ रुपये खर्च किए हैं, जबकि लगभग 5,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं मंगलवार को शुरू की गईं. पीएम मोदी ने कुछ महिला लाभार्थियों को प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत बनाए गए घरों की चाबी सौंपी. उन्होंने कहा, ‘‘हमारा ध्यान संतुष्टिकरण पर है, न कि तुष्टिकरण पर. जो पीछे रह गए हैं, उन्हें प्राथमिकता दी जा रही है और विकास को दलितों के दरवाजे तक ले जाने का प्रयास किया जा रहा है. जब सरकार खुद ऐसे कदम उठाती है, तो भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद स्वतः समाप्त हो जाता है.''
पीएम मोदी बाद में दमन पहुंचे, जहां उनकी नव विकसित समुद्री तट पर 16 किलोमीटर लंबा रोडशो करने की योजना है. चिकित्सा महाविद्यालय का उद्घाटन करने के बाद पीएम मोदी ने अस्पताल परिसर का दौरा किया और सुविधाओं का भी मुआयना किया. प्रधानमंत्री ने अस्पताल के निर्माण कार्य से जुड़े श्रमिकों से संवाद भी किया. केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली, दमन एवं दीव की राजधानी में 203 करोड़ रुपये की लागत से बने इस अत्याधुनिक चिकित्सा महाविद्यालय में नवीनतम अनुसंधान केंद्र, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं से सुसज्जित केंद्रीय पुस्तकालय, विशेष चिकित्सा कर्मचारी, चिकित्सा प्रयोगशालाएं, स्मार्ट लेक्चर हॉल, अनुसंधान प्रयोगशालाएं, शरीर रचना संग्रहालय, क्लब हाउस और खेल सुविधाएं शामिल हैं. इसमें छात्रों और संकाय सदस्यों के लिए आवासीय परिसर की सुविधा भी मुहैया कराई गई है.
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