प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट और देश की पहली बुलेट ट्रेन (Mumbai Bullet Train Project) का काम तेजी से चल रहा है. मुंबई में भी बुलेट ट्रेन के काम में तेजी आई है. अहमदाबाद से मुंबई तक दौड़ने वाली बुलेट ट्रेन ठाणे के शील फाटा तक तो एलिवेटेड या जमीन के ऊपर है, लेकिन शील फाटा से बीकेसी तक जमीन के नीचे यानी सुरंग से गुजरेगी. 21 किलोमीटर की ये दूरी पूरी तरह से अंडरग्राउंड होगी. उसमे भी 7 किलो मीटर का हिस्सा समुद्र के नीचे होगा. देश में पहली बार समुद्र के नीचे कोई ट्रेन दौड़ेगी. 21 किलोमीटर लंबी सुरंग बनाने के लिए आज विक्रोली, बीकेसी और शील फाटा में ब्लास्टिंग की गई, इस दौरान केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव भी मौजूद रहे.
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सुरंग बनाने के लिए विक्रोली में हुई ब्लास्टिंग
मुंबई में बुलेट ट्रेन का 21 किलोमीटर तक का रास्ता अंडरग्राउंड है, इसलिए सुरंग बनाने के काम की शुरुआत की गई है. आज विक्रोली में ब्लास्ट कर टनल बोरिंग मशीन जमीन में उतारने के लिए गड्ढा बनाने की शुरुआत की गई. इस मौके पर रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव खुद मौजूद रहे.
21 किमी लंबी टनल से गुजरेगी बुलेट ट्रेन
देश की पहली बुलेट ट्रेन मुंबई में 21 किमी लंबी टनल से होकर गुजरेगी. गुजरात के बाद अब महाराष्ट्र में भी इसका काम तेजी से चल रहा है. बांद्रा में मुंबई हाई स्पीड रेलवे स्टेशन पर 36 मीटर की गहराई पर शाफ्ट-1 बन रहा है, जहां सेकेंट पाइलिंग का काम फरवरी के पहले हफ्ते में ही पूरा हो गया था, अब सिर्फ खुदाई का काम चल रहा है. वहीं विक्रोली में शाफ्ट-2 की गहराई 36 मीटर है, इसमें भी पाइलिंग का काम पूरा हो चुका है और यहां भी खुदाई जारी है.
शाफ्टों की खुदा का काम जारी
दोनों शाफ्टों का इस्तेमाल दो सुरंग बोरिंग मशीनों को विपरीत दिशाओं में नीचे करने के लिए किया जाएगा. एक बीकेसी की तरफ बोर करेगी और दूसरी घनसोली की दिशा में आगे बढ़ेगी. घांसोली के पास सावली में 39 मीटर गहरे शाफ्ट-3 की खुदाई का काम चल रहा है, जबकि शिलफाटा में सुरंग के अंत में साइट पर पोर्टल का काम शुरू हो गया है.