'दीदी' पर प्रहार और मिशन 2026 का रोडमैप तैयार... बंगाल में PM मोदी के शंखनाद के 5 सबसे बड़े संदेश

मतुआ समुदाय के गढ़ ताहेरपुर की रैली से पीएम मोदी ने बांग्ला में बड़ा नारा दिया- "बाचते चाई, ताई बीजेपी चाई" (जीना चाहते हैं, इसलिए बीजेपी चाहते हैं).

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  • PM मोदी ने पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के मतुआ बहुल ताहेरपुर में रैली को संबोधित करते हुए कई संदेश दिए
  • प्रधानमंत्री मोदी ने बंगाल की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला बोला और इसे 'महा जंगलराज' करार दिया
  • पीएम ने मिशन 2026 के मद्देनजर जोश भरते हुए बांग्ला में नारा दिया- "बाचते चाई, ताई बीजेपी चाई"
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कोलकाता:

पश्चिम बंगाल के आगामी चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी ने पूरी ताकत झोंक दी है. राज्य में ममता बनर्जी की अगुआई वाली तृणमूल कांग्रेस सरकार से मुकाबले के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मैदान में उतर आए हैं. प्रधानमंत्री ने शनिवार को पश्चिम बंगाल के नादिया जिले के ताहेरपुर में विशाल रैली को संबोधित किया. खराब मौसम की वजह से उनका हेलीकॉप्टर नहीं उतर सका. इसके बाद उन्होंने कोलकाता एयरपोर्ट जाकर रैली को वर्चुअली संबोधित किया. 

बांग्लादेश सीमा से सटा ताहेरपुर इलाका मतुआ समुदाय का गढ़ माना जाता है. प्रधानमंत्री की झलक पाने के लिए ताहेरपुर के मैदान में भारी भीड़ उमड़ी थी. लेकिन उनके न आ पाने से लोगों में थोड़ी मायूसी दिखी. खासतौर से मतुआ समुदाय को उम्मीद थी कि पीएम उनकी समस्या को लेकर कुछ ठोस आश्वासन दे सकते हैं, जो मतदाता सूची से नाम कटने और नागरिकता को लकेर चिंतित हैं. पीएम ने हालांकि उन्हें कोई ठोस आश्वासन तो नहीं दिया, लेकिन रैली से 5 बड़े संदेश दिए. आइए जानते हैं इनके बारे में-

1. मतुआ समाज का सम्मान और जय निताई

पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत वैष्णव परंपरा के श्रद्धा सूचक शब्द 'जय निताई' से की. उन्होंने मतुआ समुदाय की सामाजिक भूमिका की जमकर तारीफ की. उन्होंने हरिचंद ठाकुर, गुरुचंद ठाकुर और 'बड़ो मां' का जिक्र करते हुए कहा कि बड़ो मां ने दिखाया है कि ममता और वात्सल्य का असली मतलब क्या होता है.

2. SIR पर मतुआ समुदाय को सीधा आश्वासन नहीं

मतुआ समुदाय में इस वक्त इस बात को लेकर गहरी चिंता है कि कहीं मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) में उनके नाम वोटर लिस्ट से न काट दिए जाएं. जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की कमी इस चिंता की प्रमुख वजह है. बीजेपी नागरिकता कानून (CAA) के जरिए समाधान का वादा करती रही है, वहीं टीएमसी इसे एक लंबी और जटिल प्रक्रिया बताकर डरा रही है. शनिवार को अपने भाषण में पीएम ने इस मसले पर कोई सीधा आश्वासन नहीं दिया, जिससे मतुआ समुदाय में अनिश्चितता कायम है.

3. आश्वासन न देने की क्या रही वजह 

सवाल ये है कि पीएम मोदी ने ऐसा आश्वासन क्यों नहीं दिया? राजनीतिक जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और संवैधानिक मर्यादाओं के कारण पीएम ने कोई सीधी घोषणा नहीं की. बीजेपी सूत्रों का कहना है कि मोदी प्रतिक्रिया देने के बजाय कार्रवाई करने में यकीन रखते हैं. मतुआ वोटरों के लिए जो भी कदम उठाए जाएंगे, वो प्रशासनिक और कानूनी प्रक्रिया के तहत ही होंगे.

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4. बंगाल में 'महा जंगलराज' का प्रहार

पीएम मोदी ने बंगाल की कानून व्यवस्था पर तीखा हमला बोला. उन्होंने बिहार के 'जंगलराज' नारे की तर्ज पर बंगाल की स्थिति को 'महा जंगलराज' करार दिया. उन्होंने भ्रष्टाचार और कट मनी कल्चर को राज्य के विकास में सबसे बड़ा रोड़ा बताया और कहा कि डबल इंजन सरकार ही बंगाल की तस्वीर और तकदीर बदल सकती है.

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5. "बाचते चाई, ताई बीजेपी चाई" का नारा

पीएम मोदी ने कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए बांग्ला में नारा दिया-  "बाचते चाई, ताई बीजेपी चाई" (जीना चाहते हैं, इसलिए बीजेपी चाहते हैं). बीजेपी मानती है कि बंगाल में उसके सामने संगठनात्मक कमजोरियां हैं, स्थानीय नेतृत्व भी मजबूत नहीं है. ऐसे में पार्टी खुद प्रधानमंत्री मोदी पर काफी ज्यादा निर्भर है और उन्हें ही ममता बनर्जी से मुकाबले के लिए तुरुप का इक्का मान रही है. 

माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी जल्द ही एक बार फिर से बंगाल लौटेंगे और आने वाले दिनों में बंगाल चुनावों को लेकर प्रचार को नई धार देंगे. शनिवार का दौरा महज इसकी पहली आहट माना जा रहा है. 

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