प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ग्रुप ऑफ सेवन (जी-7) शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए इटली पहुंचे हैं. यहां पीएम मोदी ने इटली के पुलिया में आयोजित जी-7 समिट के आउटरीच सेशन में अपने संबोधन में भारत में हाल ही में संपन्न लोकसभा चुनाव की विशेषता और इसकी विशालता से सभी को अवगत कराया. साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि इक्कीसवीं सदी टेक्नोलॉजी की सदी है. मानव जीवन का शायद ही ऐसा कोई पहलू होगा जो टेक्नोलॉजी से प्रभावित न हो. उन्होंने ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के दृष्टिकोण और 2047 तक विकसित भारत के संकल्प के बारे में भी बताया. साथ ही ग्लोबल साउथ की प्राथमिकताओं और चिंताओं को वैश्विक पटल पर रखा.
पीएम मोदी का पूरा भाषण इस प्रकार है :
"प्रधानमंत्री मेलोनी,
Excellencies,
नमस्कार,
सबसे पहले, इस समिट में निमंत्रण के लिए, और हमारे आतिथ्य-सत्कार के लिए मैं प्रधानमंत्री मेलोनी का हार्दिक आभार व्यक्त करता हूं. मैं चांसलर शोल्ज को उनके जन्मदिन पर बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं. G-7 समिट का ये आयोजन विशेष भी है और ऐतिहासिक भी है. G-7 के सभी साथियों को इस समूह की पचासवीं वर्षगांठ की बहुत-बहुत बधाई.
Friends,
पिछले सप्ताह आप में से कई मित्र, यूरोपियन पार्लियामेंट के चुनावों में व्यस्त थे. कुछ मित्र आने वाले समय में चुनावों की सरगर्मी से गुजरेंगे. भारत में भी पीछे कुछ महीने चुनाव का समय था. भारत के चुनाव की विशेषता और विशालता कुछ आंकड़ों से समझी जा सकती है : 2600 से ज्यादा राजनीतिक दल ,1 मिलियन से ज्यादा पोलिंग बूथ, 5 मिलियन से ज्यादा इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन, 15 मिलियन पोलिंग स्टाफ और लगभग 970 मिलियन वोटर्स, जिनमें से 640 मिलियन लोगों ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया.
टेक्नोलॉजी के सर्वव्यापी इस्तेमाल से पूरी चुनावी प्रक्रिया को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया गया है और इतने बड़े चुनावों के परिणाम भी कुछ घंटों में घोषित किये गए. यह विश्व का सबसे बड़ा और मानवता के इतिहास में लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व रहा. यह लोकतंत्र की जननी के रूप में हमारे प्राचीन मूल्यों का जीवंत उदाहरण भी है और मेरा यह सौभाग्य है कि भारत की जनता ने लगातार तीसरी बार मुझे उनकी सेवा करने का अवसर दिया है.
भारत में पिछले छह दशकों में ऐसा पहली बार हुआ है. भारत के लोगों ने इस ऐतिहासिक विजय के रूप में जो अपना आशीर्वाद दिया है, वह लोकतंत्र की विजय है. पूरे लोकतांत्रिक विश्व की विजय है और पद भार संभालने के कुछ ही दिनों बाद आप सभी मित्रों के बीच उपस्थित होकर मुझे बेहद खुशी हो रही है.
Excellencies,
इक्कीसवीं सदी टेक्नोलॉजी की सदी है. मानव जीवन का शायद ही कोई ऐसा पहलु होगा जो टेक्नोलॉजी के प्रभाव से वंचित हो. एक तरफ जहाँ टेक्नोलॉजी मनुष्य को चांद तक ले जाने का साहस देती है, वहीं दूसरी ओर साइबर सिक्योरिटी जैसी चुनौतियां भी पैदा करती है. हमें मिलकर यह सुनिश्चित करना होगा कि टेक्नोलॉजी का लाभ सभी वर्गों तक पहुंचे, समाज के हर व्यक्ति के सामर्थ्य को उजागर करे, सामाजिक असमानताओं को दूर करने में मदद करे और मानवीय शक्तियों को सीमित करने की बजाय उनका विस्तार करे.
यह केवल हमारी अभिलाषा नहीं, हमारा दायित्व होना चाहिए. हमें टेक्नोलॉजी में एकाधिकार को सर्वाधिकार में बदलना होगा. हमें टेक्नोलॉजी को संहारक नहीं सृजनात्मक रूप देना होगा. तभी हम एक समावेशी समाज की नींव रख सकेंगे. भारत अपनी इस human-centric approach के जरिए एक बेहतर भविष्य के लिए प्रयास कर रहा है. आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में भारत राष्ट्रीय रणनीति बनाने वाले पहले कुछ देशों में शामिल है. इसी रणनीति के आधार पर हमने इस वर्ष एआई मिशन लॉन्च किया है. इसका मूल मंत्र है AI for All. ग्लोबल पार्टनरशिप फोर एआई के संस्थापक सदस्य और लीड चेयर के रूप में हम सभी देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा दे रहे हैं.
पिछले वर्ष भारत की मेज़बानी में की गई G-20 समिट के दौरान हमने एआई के क्षेत्र में इंटरनेशनल गवर्नेंस के महत्व पर बल दिया. भविष्य में भी एआई पारदर्शी, निष्पक्ष, सुरक्षित, सुलभ और जिम्मेदार बनाने के लिए हम सभी देशों के साथ मिलकर काम करते रहेंगे.
Excellencies,
ऊर्जा के क्षेत्र में भी भारत का दृष्टिकोण चार सिद्धांतों पर आधारित है - availability, accessibility, affordability and acceptability.भारत COP (कॉप) के अंतर्गत लिए गए सभी प्रतिबद्धताओं को समय से पहले पूरा करने वाला पहला देश है.
हम 2070 तक नेट जीरो के तय लक्ष्य को पाने के अपने कमिटमेंट को पूरा करने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं. हमें मिलकर आने वाले समय को Green Era बनाने का प्रयास करना चाहिए. इसके लिए भारत ने मिशन लाइफ यानी लाइफस्टाइल ऑफ एनवायरमेंट की शुरुआत की है. इस मिशन पर आगे बढ़ते हुए 5 जून पर्यावरण दिवस पर मैंने एक कैंपेन शुरू किया है – एक पेड़ मां के नाम.
अपनी मां से सभी प्यार करते हैं. इसी भाव से हम वृक्षारोपण को एक व्यक्तिगत स्पर्श और वैश्विक जिम्मेदारी के साथ जन आंदोलन बनाना चाहते हैं. मेरा आग्रह है कि आप सभी इसमें जुड़ें. मेरी टीम सभी के साथ इसके डिटेल्स साझा करेंगी.
Excellencies,
2047 तक विकसित भारत का निर्माण हमारा संकल्प है. हमारा कमिटमेंट है कि समाज का कोई भी वर्ग देश की विकास यात्रा में पीछे न छूटे. यह अंतरराष्ट्रीय सहयोग के संदर्भ में भी महत्वपूर्ण है. वैश्विक अनिश्चित्ताओं और तनाव में ग्लोबल साउथ के देशों को सबसे बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ रहा है.
भारत ने ग्लोबल के देशों की प्राथमिकताओं और चिंताओं को विश्व पटल पर रखना अपना दायित्व समझा है. इन प्रयासों में हमने अफ्रीका को उच्च प्राथमिकता दी है. हमें गर्व है कि भारत की अध्यक्षता में जी-20 ने अफ्रीकन यूनियन को स्थायी सदस्य बनाया. अफ्रीका के सभी देशों के आर्थिक और सामाजिक विकास, स्थिरता और सुरक्षा में भारत योगदान देता आया है, और आगे भी देता रहेगा.
Excellencies,
आज की बैठक सभी देशों की प्राथमिकताओं के बीच गहरे कन्वर्जेंस को दर्शाती है. हम इन सभी विषयों पर G-7 के साथ संवाद एवं सहयोग जारी रखेंगे.
बहुत-बहुत धन्यवाद."
PM मोदी ने कई वैश्विक नेताओं से की मुलाकात
पीएम मोदी इटली की प्रधानमंत्री जॉर्जिया मेलोनी के निमंत्रण पर पहुंचे हैं. इस दौरान पीएम वैश्विक नेताओं से मुलाकात की है. इनमें फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की और ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक शामिल हैं. साथ ही पीएम मोदी ने पोप फ्रांसिस से गले मिले और उन्हें भारत आने का न्योता दिया.
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