प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 76वें सत्र को संबोधित किया. पिछले वर्ष महासभा का सत्र कोविड-19 महामारी के कारण डिजिटल तरीके से आयोजित किया गया था. पीएम मोदी ने अपने संबोधन में जहां पाकिस्तान पर निशाना साधा, वहीं कोरोना महामारी को लेकर भी भारत और विश्व के प्रयासों का जिक्र किया. इसके साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीन निर्माताओं को भारत में आकर वैक्सीन निर्माण के लिए आमंत्रित किया.
- मानवता के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए भारत ने , एक बार फिर दुनिया के जरूरतमंदों को वैक्सीन देनी शुरू कर दी है. मैं आज दुनियाभर के वैक्सीन निर्माताओं को आमंत्रित करता हूं- 'Come, Make Vaccine in India'.
- हमारे समंदर भी हमारी साझा विरासत हैं. इसलिए हमें ये ध्यान रखना होगा कि Ocean Resources को हम use करें, abuse नहीं. हमारे समंदर अंतरराष्ट्रीय व्यापार की लाइफलाइन भी हैं.
- आज विश्व के सामने Regressive Thinking और Extremism का खतरा बढ़ता जा रहा है. इन परिस्थितियों में, पूरे विश्व को Science-Based, Rational और Progressive Thinking को विकास का आधार बनाना ही होगा.
- Regressive Thinking के साथ, जो देश आतंकवाद का political tool के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं, उन्हें ये समझना होगा कि आतंकवाद, उनके लिए भी उतना ही बड़ा खतरा है. ये सुनिश्चित किया जाना बहुत जरूरी है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल आतंकवाद फैलाने और आतंकी हमलों के लिए ना हो.
- इस समय अफगानिस्तान के लोगों, महिलाओं और बच्चों, वहां रह रहे अल्पसंख्यकों को मदद की जरूरत है, हमें अपनी जिम्मेदारी को पूरा करना चाहिये.
- नियम-आधारित विश्व व्यवस्था को मजबूत करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय को एक स्वर में बोलना चाहिए.
- कोरोना महामारी ने, विश्व को ये भी सबक दिया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था को अब और अधिक Diversify किया जाए. इसके लिए ग्लोबल Value Chains का विस्तार जरूरी है. हमारा आत्मनिर्भर भारत अभियान इसकी भावना से प्रेरित है.
- भारत ने दुनिया का पहला डीएनए वैक्सीन विकसित किया है, जिसे 12 साल से ऊपर के सभी व्यक्ति को दिया जा सकता है.
- मैं एक ऐसे देश का प्रतिनिधित्व करता हूं, जिसे ‘लोकतंत्र की जननी' के रूप में जाना जाता है. लोकतंत्र हजारों वर्षों से भारत की महान परंपरा रही है.
- भारत एक ऐसा देश है जहां दर्जनों भाषाएं, सैकड़ों बोलियां, विभिन्न जीवन शैलियां और व्यंजन हैं. यह एक जीवंत लोकतंत्र का सबसे अच्छा उदाहरण है. हमारे लोकतंत्र की ताकत इस तथ्य से प्रदर्शित होती है कि एक छोटा लड़का जो कभी रेलवे स्टेशन पर चाय की दुकान पर अपने पिता की मदद करता था, आज भारत के प्रधानमंत्री के तौर पर चौथी बार संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित कर रहा है.
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