केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में केंद्रीय बजट पेश करने के बाद संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने निर्देश दिया था कि कोविड महामारी के बीच कर नहीं बढ़ाया जाए. उन्होंने कहा कि पीएम मोदी ने पिछले साल भी यही निर्देश दिया था. सीतारमण ने कहा, "महामारी के समय कर में वृद्धि नहीं करना चाहती थी... पीएम मोदी का निर्देश बहुत स्पष्ट था - 'कोई अतिरिक्त कर नहीं'." इस हिसाब से इस बजट में इनकम टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है.
वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव दिया है कि केंद्र और राज्य दोनों सरकारी कर्मचारियों की कर कटौती की सीमा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत की जाए. उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार के कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा लाभ मिलेगा और उन्हें केंद्र सरकार के कर्मचारियों के बराबर लाया जा सकेगा.
इससे पहले मंगलवार को पीएम मोदी ने कहा कि बजट से सभी को फायदा होगा, खासकर गरीबों और समाज के पिछड़े वर्गों के लोगों को. प्रधानमंत्री ने कहा, "यह बजट अधिक बुनियादी ढांचे, अधिक निवेश, अधिक विकास और अधिक नौकरियों के लिए नई संभावनाओं से भरा है." उन्होंने कहा कि यह ग्रीन जॉब्स के क्षेत्र को भी खोलेगा ... इस बजट का एक महत्वपूर्ण पहलू है गरीबों का कल्याण."
सरकार ने कहा कि बजट का उद्देश्य कोविड महामारी और बढ़ती मुद्रास्फीति से जारी व्यवधान के बीच आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है. निर्मला सीतारमण ने यह भी कहा कि इस साल का बजट "भारत@75 से भारत@100 तक अर्थव्यवस्था को चलाने का खाका" होगा.
इस बार के बजट में बुनियादी ढांचे को लेकर बड़ी पहल शामिल है और 2022-23 में केंद्र सरकार के प्रभावी पूंजीगत व्यय 10.68 लाख करोड़ रुपये का अनुमान है, जिसमें सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 4.1 प्रतिशत शामिल है.
राजस्व की बात करते हुए निर्मला सीतारमण ने कहा कि जनवरी के लिए सकल जीएसटी संग्रह 1,40,986 करोड़ रुपये है. साल 2017 में जीएसटी शुरू करने के बाद से यह सबसे अधिक है.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार जल्द ही 2022-23 से रिज़र्व बैंक द्वारा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग करके एक डिजिटल रुपया जारी करेगी, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा प्रोत्साहन होगा.
किसी भी आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत की दर से कर लगेगा.