मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2023) में बीजेपी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच कड़ा मुकाबला देखा जा रहा है. दोनों ही पार्टियां अपने लोक-लुभावन वादों और घोषणाओं के आधार पर अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं. इस बीच केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) ने तीनों राज्यों में बीजेपी की भारी जीत का भरोसा जताया है. गोयल ने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि कांग्रेस शासित राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बीजेपी को भारी जीत मिलेगी. छत्तीसगढ़ में हमारी पार्टी स्पष्ट तौर पर कांग्रेस से कहीं आगे हैं, जबकि मध्य प्रदेश में बीजेपी की सत्ता में फिर से वापसी होगी."
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग (APEC) में हिस्सा लेने के लिए अमेरिका में हैं. इस दौरान भी वो पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. उन्होंने APEC समिट से इतर NDTV से खास बात की. उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अब तक जो तय किया है, नतीजे वैसे ही होंगे.
गोयल ने जनमत सर्वेक्षणों को किया खारिज
हालांकि, पीयूष गोयल ने इन भविष्यवाणियों को खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा, "यह बहुत स्पष्ट है कि हम जमीन पर क्या देखते हैं. टीवी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X मुझे भरोसा दिलाता है कि छत्तीसगढ़ में स्थिति बदल गई है. हम स्पष्ट रूप से कांग्रेस से आगे हैं. मध्य प्रदेश में हम निश्चित तौर पर दोबारा सरकार बनाने जा रहे हैं."
राजस्थान में मामला एकतरफा-गोयल
केंद्रीय मंत्री ने कहा, "मैंने राजस्थान और मध्य प्रदेश का व्यापक दौरा किया है. राजस्थान में मामला एकतरफा दिख रहा है. हम वहां बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के लोग बीजेपी को जीत का आशीर्वाद देने के लिए तैयार हैं."
भारत में टेस्ला और ईवी पर क्या बोले पीयूष गोयल?
इस दौरान पीयूष गोयल ने चुनावों के अलावा टेस्ला और ईवी पर भी बात की. उन्होंने कहा कि उनकी अमेरिका यात्रा मुख्य रूप से टेस्ला टीम से मिलने के लिए थी. इस टीम में कई भारतीय हैं, जिन्होंने हमें गौरवान्वित किया है.
गोयल ने NDTV को बताया, "सरकार अपनी सप्लाई सीरीज में भारत के तत्वों के बारे में टेस्ला की योजनाओं पर चर्चा करना चाहती है. हम बहुत तेजी से इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) अपना रहे हैं. लगभग 40 प्रतिशत दोपहिया वाहन अब ईवी हैं. कॉमर्शियल बसों और कैब के लिए ईवी का इस्तेमाल करना आसान है. यह ज्यादा किफायती और पर्यावरण-अनुकूल है."
पीयूष गोयल ने APEC समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन समेत अमेरिकी नेताओं से भी मुलाकात की. उन्होंने कहा कि भारत ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि APEC में शामिल होने के लिए आवेदन करना है या नहीं. भारत ने 1991 में इस समूह में शामिल होने की इच्छा जाहिर की थी. ज्यादातर सदस्य भारत को शामिल करने के पक्ष में थे. कुछ ने आर्थिक सुधारों पर देश के रिकॉर्ड का हवाला देते हुए इसका विरोध किया था.
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