सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली NCR में सामान्य पटाखों की बिक्री पर हमेशा के लिए बैन लगाने की याचिका

सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने और उसमें इस समस्या से निपटने के कारगर कानूनी और व्यावहारिक उपाय यानी रेगुलेटरी मेकेनिज्म के बारे में बताने को कहा

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प्रतीकात्मक फोटो.
नई दिल्ली:

दशहरा, दिवाली जैसे त्यौहारों के नजदीक आते ही सुप्रीम कोर्ट में फिर दिल्ली एनसीआर में पटाखों को बिक्री पर रोक लगाने के मामले पर सुनवाई हुई. दिल्ली NCR में पटाखों की बिक्री पर हमेशा के लिए बैन लगाने और ग्रीन पटाखों की ही बिक्री वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा है. सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि अपनी स्टेटस रिपोर्ट में सरकार इस समस्या से निपटने के कारगर कानूनी और व्यावहारिक उपाय यानी रेगुलेटरी मेकेनिज्म के बारे में बताए. 

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस सीटी रवि कुमार की पीठ अब इस मामले में 13 सितंबर को दोपहर बाद दो बजे सुनवाई करेगी. 

सुनवाई के दौरान ASG ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि सरकार ने एक्सपर्ट की रिपोर्ट के आधार पर सिर्फ ग्रीन पटाखों का ही इस्तेमाल करने की इजाज़त दी है. कोर्ट के समक्ष पटाखा निर्माताओं ने कहा कि यह एक बड़ी इंडस्ट्री है. एक लाख लोग इससे जुड़े हुए हैं. ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि एक्सपर्ट ने ग्रीन पटाखों की क्वालिटी को बेहतर करने के लिए सुझाव दिया था, मंत्रालय ने भी इसके इजाजत दी थी. 

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इसके लिए एक मैकेनिज्म होना चहिए. ऐसे काम नहीं चलेगा कि CSIR, PSO और सरकार सब अलग-अलग बातें करती हैं. वहीं पटाखा निर्माताओं ने कहा कि ग्रीन पटाखा की क्वालिटी में सुधार के लिए सुझाव दिए गए थे. इसके बाद से इस दिशा में कदम उठाए गए हैं. 

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याचिकाकर्ता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब तक क्या कदम उठाए गए हैं उसके बारे में स्टेटस रिपोर्ट में बताया जाए. याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि अलग-अलग प्राधिकरण अलग-अलग बात कर रहे हैं. अब देखें कि पश्चिम बंगाल में हुए धमाके में 20 लोगों के मरने की खबर आई थी इस तरह की घटना अक्सर इस इंडस्ट्री से सुनने को मिलती है इसको भी ध्यान में रखना चहिए.

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