जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग पर याचिका दाखिल, सुप्रीम कोर्ट से स्वत: संज्ञान लेने की मांग

कोर्ट में दायर की गई याचिका में कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी रखी है.

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पीड़ित परिवारों के लिए की गई मुआवजे की मांग
नई दिल्ली:

जम्मू कश्मीर में हिंदुओं की टारगेट किलिंग के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की गई है. दायर याचिका में सुप्रीम कोर्ट से इस मामले का स्वतः संज्ञान लेने की मांग की गई. वकील विनीत जिंदल ने सुप्रीम कोर्ट में पत्र याचिका दाखिल की. कोर्ट में दायर की गई याचिका में कश्मीर में हिन्दू अल्पसंख्यकों को तत्काल सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश देने की मांग की गई है. साथ ही हिंदुओं की टारगेट किलिंग की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी से जांच कराने की मांग भी रखी है.

इसके अलावा पीड़ित परिवार को एक करोड़ का मुआवज़ा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की भी मांग है. पत्र याचिका में कहा गया है कि कि मई के महीने में कश्मीर में 7 हिंदुओं की टारगेट किलिंग हुई. 31 मई को कुलगाम में स्कूल में हिन्दू अध्यापिका की हत्या की गई. मई महीने में पहले तीन कश्मीरी नागरिकों और पुलिस के तीन जवानों की हत्या की गई.

राज्य में हो रही टारगेट किलिंग 1989-90 की घटनाओं की याद दिलाती है. दरअसल इस साल अब तक जम्मू-कश्मीर में कई ऐसी घटनाएं घट चुकी है. जिनमें हिंदुओं को खासतौर पर निशाना बनाया गया है. इन घटनाओं की वजह से लोग काफी खौफजदा है. बीते दिन ही आतंकियों ने एक हिंदु शिक्षिका को गोली मार दी थी. जिसके बाद उनकी मौत हो गई थी. ऐसे में कश्मीरी हिंदुओं की सुरक्षा का मुद्दा देशभर में चर्चा का विषय बन गया है. 

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