साइबर क्राइम का दौर दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है और कई लोग नियमित रूप से जाने-अनजाने में इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार हो रहे हैं. ऐसे में कुछ लोग ये उम्मीद भी छोड़ देते हैं कि उनका पैसा वापस लौट आएगा लेकिन हाल ही में सामने आए एक मामले में साइबर सेल की मदद से शिकायतकर्ता को अपना पूरा पैसा वापस मिला है. दरअसल, ग्रेटर नोएडा में रहने वाले 31 वर्षीय शख्स से शेयर मार्केट ट्रेडिंग के नाम पर 14 लाख रुपय की धोखेधड़ी की गई थी.
ग्रेटर नोएडा के अंकित कुमार के साथ हुआ था फ्रॉड
इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच की और उसका पूरा पैसा ट्रेस करते हुए रिकवर किया और उसके अकाउंट में वापस ट्रांसफर किया. बता दें कि इस साल मार्च में रबूपुरा में रहने वाले अंकित कुमार को एक व्हॉट्सएप मैसेज मिला था, जिसमें उसे शेयर ट्रेडिंग टिप्स के बारे में बताया गया था. इस मैसेज के साथ ही उसे एक व्हॉट्सएप ग्रुप का इंवाइट लिंक भी मिला था.
अच्छे रिटर्न का दिया था लालच
इस लिंक की मदद से अंकित ने व्हॉट्स एप ग्रुप ज्वॉइन किया था और देखा कि उस ग्रुप में 150 लोग हैं. इसके साथ ही ग्रुप में बार-बार एक ऐप को डाउनलोड करने का मैसेज भी शेयर किए जा रहे थे, जिसमें अच्छे रिटर्न मिलने का दावा किया जा रहा था. एक महीने तक अंकित ने अन्य सदस्यों को ऑबजर्ब किया, जो मोबाइल ऐप के जरिए अधिक रिटर्न मिलने की बात कर रहे थे. इसके बाद उसने भी अपने फोन में इस ऐप को डाउनलोड किया ताकि वो अधिक मुनाफा कमा सके और शेयर मार्केट में इंवेस्ट कर सके.
ऐप डाउनलोड कर ट्रांसफर किए थे पैसे
उन्होंने आरोप लगाया कि ऐप ने उन्हें एक स्पेफिक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने के लिए प्रेरित किया. अप्रैल के महीने में अंकित ने तीन बार पैसे ट्रांसफर किए थे. दो बार 5 लाख रुपये और एक बार 4 लाख रुपये. एक वक्त पर ऐप में दर्शाया जा रहा था कि उनके पास 50 लाख रुपये हैं. लेकिन जब उन्होंने ऐप से पैसा निकालने की कोशिश की तो ऐप ने दोबारा उन्हें 10 लाख रुपये इंवेस्ट करने के लिए कहा.
बिजनेसमैन को हो गया था संदेह
इस पर ग्रेटर नोएडा के बिजनेसमैन ने कहा, "यह देखने के बाद मुझे संदेह हुआ. मैंने इंटनेट पर सर्च किया और पता चला कि कई लोगों ने इस इंवेस्टमेंट स्कीम को लेकर रिपोर्ट किया है." इसके बाद कुमार ने होम मिनिस्ट्री के पोर्टल पर शिकायत दर्ज की. इसके बाद वह रबूपुरा पुलिस स्टेशन पहुंचा और केस को साइबल सेल को सौंप दिया गया.
पुलिस ने पैसे लौटाए वापस
एडीशनल डीसीप अशोक कुमार ने कहा कि एक एफआईआर आईटी के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत दर्ज की गई थी और इस पर जांच शुरू की गई. पुलिस ने इसके बाद कोर्ट से ऑर्डर लेते हुए उस अकाउंट को तुरंत सीज कराया. एडीसीपी ने कहा, "हमने साथ ही पैसा लौटाए जाने का भी ऑर्डर लिया. इसके बाद शुक्रवार को शिकायतकर्ता को उसके पूरे 14 लाख रुपये लौटा दिए गए."