माइक्रो कंटेनमेंट जोन और 'कोविड कर्फ्यू' पर करें फोकस : पीएम ने मुख्यमंत्रियों से कहा

PM Modi ने कहा, कई जगहों पर आरटीपीसीआर टेस्ट सही ढंग से न किए जाने की जानकारी भी सामने आई है. पीएम मोदी ने चिंता जताई कि पिछली कोरोना लहर के सबसे ज्यादा मामलों का आंकड़ा हम पार कर गए हैं, कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. 

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PM Modi Meeting on Coronavirus With CMs
नई दिल्ली:

Prime Minister Narendra Modi Meeting on Corona With Chief Ministers :प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ कोरोना को लेकर बैठक की.पीएम मोदी (PM Modi) ने कहा कि लोग जरूरत से ज्यादा लापरवाह हो गए हैं. उन्होंने लोगों से कोरोना से जुड़े व्यवहार का पालन करने की अपील की है. पीएम मोदी ने कहा है कि वे ज्यादा मामले आने को लेकर घबराएं नहीं. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना की टेस्टिंग (Testing,Tracking, Tracing) बढ़ने के कारण ऐसा होगा, लेकिन रास्ता यही है. लिहाजा टेस्टिंग को हल्के में न लें. कुल जांच में 70 फीसदी आरटीपीसीआर टेस्ट का मानक है, लेकिन टेस्टिंग रेट बढ़ाकर ही पॉजिटिविटी रेट 5 फीसदी से नीचे लाया जा सकता है. 

कई जगहों पर आरटीपीसीआर (RTPCR Test) टेस्ट सही ढंग से न किए जाने की जानकारी भी सामने आई है. पीएम मोदी ने चिंता जताई कि पिछली कोरोना लहर (Corona Wave) के सबसे ज्यादा मामलों का आंकड़ा हम पार कर गए हैं, कुछ राज्यों में कोरोना के मामले बेहद तेजी से बढ़ रहे हैं. दुनिया भर के देशों ने वैक्सीनेशन के लिए जो मापदंड तय किए हैं, वैसे ही मापदंड भारत में भी हैं. आप चेक कर लीजिए जो वैक्सीन हमारे पास उपलब्ध है हमें उसे प्राथमिकता देनी होगी. वैक्सीन की बर्बादी रोकना जरूरी है. 

पीएम मोदी ने 45 साल से अधिक उम्र से अधिक लोगों का टीकाकरण बढ़ाने के लिए जागरूकता बढ़ाने का आह्वान किया. पीएम मोदी ने कहा, क्या हम बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती को देखते हुए 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव मना सकते हैं. इस दौरान हम ज्यादा से ज्यादा पात्र लोगों को वैक्सीन दें और एक भी खुराक की बर्बादी न होने दें.

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पीएम मोदी ने अपील की कि कोविड-19 को लेकर लोग उकताने की स्थिति में आ चुके हैं. लेकिन इस वजह से जमीन पर कहीं भी सुस्ती नहीं आने देने चाहिए. मृत्यु दर कम से कम रहे इस पर हमें जोर देना है. हमारे पास हर पोर्टल पर कोरोना से हुई मौतों का विश्लेषण होना चाहिए कि किस मरीज को किस तरह की बीमारी थी और क्या लक्षण थे.

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प्रधानमंत्री ने कहा, हमारा जोर माइक्रो कंटेनमेंट जोन (Containment Zone) पर होना चाहिए इस पर सबसे ज्यादा फोकस करना होगा. ऐसा न हो कि कहीं एक मरीज मिले तो पूरी बिल्डिंग या इलाके को सील कर दें. यह बेहद सरल तरीका है कि सब कुछ बंद कर दें. लेकिन हम इमारत में केस मिलने पर ऊपर नीचे की दो मंजिलों पर ऐसा कर सकते हैं. ऐसा ही दूसरे इलाकों मे कर सकते हैं. दुनिया ने भी रात्रि कर्फ्यू को स्वीकार किया है. कर्फ्यू से लोगों को यह याद आता है कि मैं कोरोना कॉल में जी रहा हूं. अच्छा होगा कि हम नाइट कर्फ्यू को कोरोना कर्फ्यू के नाम से प्रचारित करें.इससे काम भी ज्यादा प्रभावित नहीं होगा.

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पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों से कहा, प्रोएक्टिव टेस्टिंग यानी ज्यादा सक्रियता से कोरोना जांच बहुत जरूरी है. इससे बिना लक्षण वाले मरीजों की पहचान करना आसान होगा. अब ज्यादा मामले एसिंप्टोमेटिक (बिना लक्षण वाले मरीज) आ रहे हैं. इससे लोगों को लगता है कि उन्हें हल्की-फुल्की बीमारी है और फिर वह पूरे परिवार को संक्रमित कर देते हैं.टेस्टिंग और  ट्रेसिंग सबसे महत्वपूर्ण है. हमें पॉजिटिविटी रेट 5% से नीचे लाना है.

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प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्रियों से कहा कि एक बार फिर हमारे सामने चुनौती बड़ी हो रही है, लेकिन हमें प्रयासों को मजबूत करना होगा. कई राज्य कोरोना की पहली लहर से भी आगे बढ़ चुके हैं. यह सब हमारे लिए चिंता का विषय है. प्रशासन भी कई राज्यों में सुस्त नजर आ रहा है.इससे लड़ने के लिए युद्ध स्तर पर काम करना आवश्यक है.अभी हमारे पास पहले से ज्यादा अनुभव है और अच्छे संसाधन है और अब हमारे पास वैक्सीन भी है.पिछली बार जब भारत ने कोरोना के मामलों को नीचे लाने में कामयाबी पाई थी, तब वैक्सीन भी उसके पास नहीं थी.

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