पेगासस मुद्दा : पांच पत्रकार पहुंचे SC, कहा-स्पाइवेयर के इस्‍तेमाल को लेकर ब्यौरे का खुलासा करने के केंद्र को निर्देश दे अदालत

कथित तौर पर जासूसी के लिए संभावित सूची में शामिल पांच पत्रकारों ने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को स्पाइवेयर के इस्तेमाल को लेकर सारे ब्यौरे का खुलासा करने के निर्देश देने की मांग की है.

विज्ञापन
Read Time: 5 mins
पेगासस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पहले भी पांच याचिकाएं दाखिल हो चुकी हैं (प्रतीकात्‍मक फोटो)
नई दिल्ली:

Pegasus scandal: पेगासस जासूसी मामले (Pegasus scandal) में नया मोड़ आया है. कथित तौर पर जासूसी के लिए संभावित सूची में शामिल पांच पत्रकारों ने भी सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की शरण ली है. इन्‍होंने सुप्रीम कोर्ट से केंद्र को स्पाइवेयर के इस्तेमाल को लेकर सारे ब्यौरे का खुलासा करने के निर्देश देने की मांग की है. इसके साथ ही कहा गया है कि अदालत इसके इस्तेमाल को अवैध घोषित करे. याचिका में कहा गया हैकि सरकारी एजेंसियों द्वारा निगरानी के अनधिकृत उपयोग ने उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया है. पेगासस स्पाइवेयर का उपयोग करके अपने मोबाइल फोन की कथित हैकिंग से सीधे प्रभावित और व्यक्तिगत रूप से पीड़ित होने का दावा करने वाले व्यक्तियों की ओर से ये पहली याचिका है.

राकेश अस्‍थाना की नियुक्ति के खिलाफ याचिका पर सुप्रीम कोर्ट इसी हफ्ते कर सकता है सुनवाई

याचिकाकर्ताओं में प्रंजॉय गुहा ठाकुरता, SNM आब्दी, प्रेम शंकर झा, रूपेश कुमार सिंह और इप्सा शताक्शी शामिल हैं. इनका कहना है कि एमनेस्टी इंटरनेशनल द्वारा की गई उनके मोबाइल फोन की फोरेंसिक जांच से पता चला है कि इनको (मोबाइल फोन को) पेगासस का इस्तेमाल करके निशाना बनाया गया था. याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उनके पास यह मानने के मजबूत कारण हैं कि उन्हें "भारत सरकार या किसी अन्य तीसरे पक्ष द्वारा गहन घुसपैठ और हैकिंग" के अधीन किया गया है.केंद्र सरकार ने अभी तक निगरानी उद्देश्यों के लिए पेगासस  का लाभ उठाने से स्पष्ट रूप से इनकार नहीं किया है. इससे पहले तीन याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं, जिन पर मुख्‍य न्‍यायाधीर (CJI) एनवी रमना की बेंच को गुरुवार को सुनवाई करनी है.

Featured Video Of The Day
Anmol Bishnoi Arrest Updates: भारत आने से बचने के लिए अनमोल बिश्नोई ने अमेरिका से मांगी पनाह?
Topics mentioned in this article