Pegasus जासूसी : जिन्हें फोन हैक होने का है शक, उनसे SC की कमेटी ने मांगी डिटेल्स

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में 142 से अधिक लोगों को इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए निशाना बनाया गया था.

विज्ञापन
Read Time: 6 mins
सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की जांच के लिए बनाई थी तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति.
नई दिल्ली:

पेगासस स्पाइवेयर मामले (Pegasus Case) की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट की ओर से बनाई गई तकनीकी कमेटी ने उन लोगों से जानकारी मांगी है जिन्हें संदेह है कि उनके फोन को निशाना बनाया गया था. समिति ने एक सार्वजनिक नोटिस में ऐसे लोगों से 7 जनवरी तक संपर्क करने को कहा है. कमेटी ने यह भी कहा है कि वह फोन की जांच के लिए तैयार है. बता दें, न्यूज पोर्टल "द वायर" की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 142 से अधिक लोगों को इजरायली सॉफ्टवेयर पेगासस के जरिए निशाना बनाया गया था. रिपोर्ट में बताया गया था कि एमनेस्टी इंटरनेशनल की सिक्योरिटी लैब द्वारा कुछ सेलफोन की फोरेंसिक जांच में सुरक्षा में सेंध की पुष्टि हुई थी.

जिन लोगों की कथित तौर पर जासूसी हुई थी, उस लिस्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर, दो मौजूदा केंद्रीय मंत्री, एक पूर्व चुनाव आयुक्त, सुप्रीम कोर्ट के दो रजिस्ट्रार, एक पूर्व जज का पुराना नंबर, एक पूर्व अटॉर्नी जनरल के करीबी सहयोगी और 40 पत्रकार शामिल हैं.

'Pegasus सिर्फ सरकारों को बेचते हैं, किसी शख्स या प्राइवेट कंपनी को नहीं' : इजरायली राजदूत

पेगासस के मालिक एनएसओ ग्रुप ने कहा था कि वह केवल सरकारों और सरकारी एजेंसियों के साथ व्यापार करता है. इस मामले पर संसद में सरकार की ओर से बयान दिया गया था. हालांकि, संसद के किसी भी सदन में इस मामले पर चर्चा नहीं हुई थी, जिसके बाद विपक्ष ने काफी हंगामा किया था.

पेगासस पर फिर बरसे राहुल गांधी, बोले- PM इसे पर्सनल टूल्स की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं तो..

अक्टूबर महीने में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले पर कई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ समिति के गठन का आदेश दिया था. 

Featured Video Of The Day
Bihar Election 2025: Nitish को लेकर NDTV PowerPlay में कौन सी खुशखबरी का ऐलान कर गए Piyush Goyal?
Topics mentioned in this article