पेगासस मामला : 5 फोन में मिला मैलवेयर, लेकिन स्पाईवेयर का ठोस सबूत नहीं : सुप्रीम कोर्ट

सीजेआई ने कहा कि हम कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे. इसमें कोई सीक्रेट नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाल दें. समिति को मोबाइल फोन में पेगासस के सबूत नहीं मिले और समिति ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
पेगासस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में पेगासस मामले की सुनवाई हुई. CJI एनवी रमना, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने ये सुनवाई की. इस मामले में जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी रिपोर्ट दाखिल कर चुकी है.सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट दाखिल की गई है, तीन भागों में दी गई है. समिति की सिफारिश है कि तकनीकी समिति की रिपोर्ट का विवरण सार्वजनिक डोमेन में प्रकाशित नहीं किया जाना चाहिए.  ये सूचना अपराधियों को कानून प्रवर्तन तंत्र को बायपास करने की अनुमति दे सकती है, ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में अधिक जानकारी और नए मैलवेयर बन सकते हैं, नया मैलवेयर बनाने के लिए सामग्री का दुरुपयोग किया जा सकता है. सीजेआई ने कहा कि विशेषज्ञों ने सिफारिशें की हैं जिनके जरिए लोगों के उपकरण इन मैलवेयर के असर से बचाए जा सकते हैं. साइबर सिक्योरिटी एजेंसी इन आरोपों की जांच करे. सीजेआई ने कहा कि रिपोर्ट कहती है कि 29 मोबाइल फोन में 5 में मैलवेयर पाया गया है , लेकिन इससे ये नहीं कहा जा सकता कि ये पेगासस स्पाइवेयर है.

सीजेआई ने आगे कहा कि हम कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक करेंगे. इसमें कोई सीक्रेट नहीं है.  सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर डाल दें. समिति को मोबाइल फोन में पेगासस के सबूत नहीं मिले और समिति ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार सहयोग नहीं कर रही. हम बिना रिपोर्ट देखे आगे टिप्पणी नहीं कर सकते. 5 फोन में मिला मैलवेयर, लेकिन स्पाईवेयर का ठोस सबूत नहीं मिले हैं. सीजेआई ने आगे कहा कि रिपोर्ट में सिफारिश की गई है गोपनीयता के कानून को बेहतर बनाने और गोपनीयता के अधिकार में सुधार, राष्ट्र की साइबर सुरक्षा बढ़ाने, नागरिकों की निजता के अधिकार की सुरक्षा को सुदृढ़ बनाने तथा गैर-कानूनी निगरानी से संबंधित शिकायत उठाने की व्यवस्था पर कानून मजबूत किया जाए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले में चार हफ्ते बाद सुनवाई करेगा. कोर्ट तय करेगा कि रिपोर्ट के कौन से हिस्से सार्वजनिक कराएं.

मई में सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस मामले की जांच कर रही जस्टिस रवींद्रन समिति का कार्यकाल चार हफ्ते बढ़ा दिया था. मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि तकनीकी कमेटी ने फाइनल रिपोर्ट तैयार करने के लिए कुछ समय मांगा था. सीजेआई ने इस दौरान कहा कि कमेटी की अंतरिम रिपोर्ट मिली है. तकनीकी कमेटी ने बताया है कि 29 मोबाइल फोनों की जांच की. साथ ही पत्रकारों और एक्टिविस्टों से बातचीत भी की. निगरानी जज ने 20 जून 2022 तक रिपोर्ट को अंतिम रूप देने के लिए समय मांगा था, हालांकि कुछ एजेंसियों से जवाब आना बाकी है. ये रिपोर्ट मई के अंत तक फाइनल हो जाएगी. कमेटी ने कुछ मुद्दों पर जनता की राय भी मांगी थी. लोगों ने बड़ी तादाद में अपनी राय भेजी है, लेकिन कुछ विशेषज्ञ एजेंसियों की राय का इंतजार है. पीठ ने रिटायर्ड जस्टिस आरवी रवींद्रन की अगुवाई वाली कमेटी को चार हफ्ते में अंतिम रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था. सीजेआई ने कहा था कि अगले एक महीने में यानी 20 जून तक जस्टिस रवींद्रन अपनी फाइनल रिपोर्ट कोर्ट को सौंप देंगे.
 

Advertisement

ये Video भी देखें : सुप्रीम कोर्ट में आज होगी बिलकिस बानो समेत चार अहम मामलों की सुनवाई'

Advertisement

Featured Video Of The Day
Lucknow Geyser Blast: लखनऊ में घर के अंदर फटा गीजर, Washing Machine समेत कई सामान भी जलकर खाक
Topics mentioned in this article