कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा देने के बाद वरिष्ठ राजनेता पीसी चाको (PC Chacko) ने मंगलवार को शरद पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) ज्वॉइन कर ली. एनसीपी से जुड़ने के दौरान आयोजित समारोह में चाको ने कहा, 'हमें विपक्ष की एकता की जरूरत है, जो मुझे अपनी पुरानी पार्टी में देखने को नहीं मिली. मैं उस पार्टी में आकर प्रसन्न हूं तो सही दिशा में जा रही है और काम कर रही है.' एनसीपी के प्रफुल्ल पटेल और शरद पवार ने इस मौके पर चाको का स्वागत किया. चाको ने कहा, एनसीपी से जुड़ना उनके लिए कोई प्रयोग नहीं है, इस पार्टी से उनका लंबा संबंध रहा है. चाको ने कहा, 'मैंने LDF (Left Democratic Front In Kerala) के हिस्से के रूप में एनसीपी ज्वॉइन की है. देश के लिए आज वाम दलों और अन्य राजनीतिक पार्टियों के एक साथ आने की जरूरत है.' उन्होंने कहा, 'मैंने पवार साहब से वादा किया है कि एलडीएफ केरल में सत्ता में आएगा. मैं एक सच्चे सिपाही के तौर पर केरल का दौरा करूंगा.'
गौरतलब है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं में शुमार पीसी चाको ने पार्टी में गुटबाज़ी का आरोप लगाते हुए 10 मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था. केरल में अगले ही माह होने जा रहे विधानसभा चुनाव से ऐन पहले उनका इस्तीफा कांग्रेस के लिए बेहद बड़ा झटका माना जा रहा है.74 वर्षीय पीसी चाको को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं में शुमार किया जाता था, वे केरल के त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से सांसद भी रह चुके हैं.
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पीसी चाको ने कांगेस से इस्तीफा देने के बाद NDTV से बात करते हुए कहा था, 'मेरे सामने सिर्फ एक यही रास्ता था. मैं पार्टी में किसी पद पर नहीं था लेकिन मैं अपने काम से संतुष्ट होना चाहता था. एक लोकतांत्रिक पार्टी में होना मेरे लिए संतुष्टि की बात थी, जब हमारे विचार सुने जाते थे, जब हमें फैसले लिए जाने वाली टीम में शामिल किया जाता था, ये संतुष्टि हमें और ज्यादा काम करने के लिए प्रेरित करती थी.' उन्होंने कहा था कि केरल कांग्रेस में दो ग्रुप हैं, ए और बी. दोनों ने विधानसभा क्षेत्र बांटे हुए हैं और प्रत्याशियों का चयन कर रहे हैं. जीतना उनका आइडिया नहीं है. चाको ने आरोप लगाया कि उन्होंने पार्टी हाईकमान के सामने समस्याओं को उठाया था, लेकिन उनका समाधान नहीं किया गया.
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चाको ने अपनी पार्टी पर केरल में 6 अप्रैल को होने जा रहे चुनाव के लिए प्रत्याशियों के चयन में राज्य के नेताओं को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया था. उन्होंने कहा था, "कांग्रेस में लोकतंत्र नहीं बचा है. प्रत्याशियों की सूची के बारे में प्रदेश कांग्रेस कमेटी से चर्चा नहीं की गई. मैंने अपना इस्तीफा सोनिया गांधी को भेज दिया है." चाको ने यह भी कहा था, "केरल में कांग्रेसी होना बहुत कठिन है... अगर आप कांग्रेस के किसी धड़े, किसी गुट से ताल्लुक रखते हो,तभी बचे रह सकते हो... कांग्रेस का नेतृत्व ज़्यादा सक्रिय नहीं है." (ANI से भी इनपुट)