महाराष्ट्र में लगातार तेज गर्मी, उमस और प्रदूषण से बढ़ रहे मरीज; लू से 1,477 लोग हुए बीमार

महाराष्ट्र में फरवरी महीने से ही जारी है गर्मी का सितम, कई जिलों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस के पार, गर्मी संबंधी बीमारियों में 15 से 30 प्रतिशत वृद्धि

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प्रतीकात्मक फोटो.
मुंबई:

महाराष्ट्र और मुंबई शहर में तीन महीने पहले फरवरी से ही गर्मी का सितम शुरू हो गया था और यह लगातार जारी है. गर्मी ने अब तक 1400 से ज्यादा लोगों को बीमार किया है. यह आंकड़ा बीते साल से से करीब 90 प्रतिशत ज्यादा है. अस्पतालों में गर्मी से संबंधित बीमारियों के मरीजों में करीब 15 से 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.

महाराष्ट्र में लू के कहर ने 1,477 लोगों को बीमार किया है. यह आंकड़ा बीते साल से 92 फीसदी ज्यादा है. राज्य के स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में लू लगने से 9 लोग बीमार हुए थे. साल 2020 और 2021 में इससे कोई भी व्यक्ति बीमार नहीं हुआ. वर्ष 2022 में 767 लोग बीमार हुए थे और इस साल अब तक लू लगने के 1,477 मामले दर्ज हुए हैं. गर्मी से बीमारी के संदिग्ध मामलों का आंकड़ा 1600 से ऊपर है.

महाराष्ट्र के कई जिलों में पारा 40-41 डिग्री सेल्सियस के पार है. मुंबई में बढ़ी उमस ने लोगों को बीमार करना शुरू कर दिया है. दस साल की एक बच्ची भारी गर्मी के कारण हीट रैश यानी चकत्ते की बीमारी की शिकार है. बच्चों के लिए बने शहर के बड़े अस्पतालों में शामिल एनएच एसआरसीसी चिल्ड्रन हॉस्पिटल के ओपीडी में बीते साल की तुलना में ऐसे मरीजों में करीब 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है.

एसआरसीसी हॉस्पिटल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ प्रवीण बंदोडकर ने कहा कि, ‘'स्किन पर चकत्ते, पस वाले, ऐसे लक्षण हैं, 30-40 प्रतिशत बढ़े हैं, प्रदूषण भी एक बड़ा फैक्टर है.''

वहीं फोर्टिस अस्पताल के मुताबिक लू संबंधी परेशानियों के इलाज वाले मरीजों में करीब 15 प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है. फोर्टिस अस्पताल की त्वचा विशेषज्ञ डॉ स्मृति नस्वा सिंह ने कहा, ‘'हम हफ़्ते में करीब सात ऐसे मरीज़ ट्रीट कर रहे हैं. फील्ड जॉब वाले लोग, छात्र, खिलाड़ियों में यह ज्यादा दिख रहा है. फरवरी महीने से ही पारा बढ़ा है, लोगों का इस बार गर्मी से लंबा एक्सपोजर हुआ है.''

मुंबई सहित महाराष्ट्र में इस साल गर्मी ने फरवरी महीने से ही नए रिकॉर्ड बनाने शुरू कर दिए थे. इसके साथ ही प्रदूषण की मार कई बार दिल्ली से भी ज्यादा दिखी. हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि लगातार बढ़ा पारा और निर्माण कार्य के बीच बढ़ा प्रदूषण स्वास्थ्य बिगड़ने की बड़ी वजह है.

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