Congress President election 2022: कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) को पार्टी अध्यक्ष पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) से हरी झंडी मिलने की खबरों के तुरंत बाद पार्टी के कम्युनिकेशन इंचार्ज जयराम रमेश (Jairam Ramesh) की एक टिप्पणी को थरूर पर परोक्ष रूप से कटाक्ष के रूप में देखा गया. उन्होंने कहा, "किसी को चुनाव लड़ने की मंजूरी के लिए किसी की जरूरत नहीं है, खासकर पार्टी नेतृत्व की."
उन्होंने ट्वीट किया, "पूरी पार्टी भारत जोड़ो यात्रा को सफल बनाने में लगी हुई है. फिर भी यह दोहराना महत्वपूर्ण है कि कांग्रेस अध्यक्ष का चुनाव लड़ने के लिए किसी भी सदस्य का स्वागत है. यह एक लोकतांत्रिक और पारदर्शी प्रक्रिया है. किसी को भी चुनाव लड़ने के लिए किसी की अनुमति की आवश्यकता नहीं है, खासकर पार्टी नेतृत्व की."
चिकित्सा जांच कराकर विदेश से लौटीं सोनिया गांधी से शशि थरूर ने मुलाकात की. सोमवार को दोपहर में उन्होंने सोनिया गांधी से मुलाकात की और उन्हें 17 अक्टूबर का चुनाव लड़ने की अनुमति मिल गई.
कांग्रेस में 20 से अधिक वर्षों के बाद कोई गैर-गांधी अध्यक्ष हो सकता है. गांधी परिवार के वफादार अशोक गहलोत संभवत: शशि थरूर के खिलाफ पार्टी अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे. थरूर पार्टी के उन लोगों में शामिल हैं जो बड़े आंतरिक सुधार चाहते हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने सबसे पहले अध्यक्ष पद की दौड़ में शामिल होने के अपने इरादे की घोषणा की. यह पद 25 वर्षों से अधिक समय से गांधी परिवार में या तो सोनिया गांधी या उनके बेटे राहुल के पास रहा है. थरूर कांग्रेस के जी-23 नाम के नेताओं के उस समूह के एक प्रमुख सदस्य हैं, जिन्होंने 2020 में सोनिया गांधी को पत्र लिखकर संगठनात्मक बदलाव का आह्वान किया था.
आखिरी गैर-गांधी कांग्रेस अध्यक्ष सीताराम केसरी थे. उनके बाद मार्च 1998 में सोनिया गांधी ने यह पद संभाला था. वे नरसिम्हा राव सरकार के जाने के लगभग दो साल बाद पार्टी अध्यक्ष बनी थीं.
कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव: अशोक गहलोत और शशि थरूर होंगे आमने-सामने