त्रिपुरा में चुनाव बाद हुई हिंसा की जांच के लिए गई संसदीय टीम पर भीड़ का हमला, वाहनों में तोड़फोड़

दो मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से राज्य में हिंसा की करीब 1,200 घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस और माकपा नेताओं ने कहा कि संसदीय दल में चार लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद शामिल हैं. इन्हें तीन समूहों में विभाजित किया गया है.

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कांग्रेस और लेफ्ट ने सत्ताधारी बीजेपी समर्थित लोगों पर हमले का आरोप लगाया है.
अगरतला:

त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के बाद हुई हिंसा का जायजा लेने के लिए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (CPIM), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (CPI) और कांग्रेस (Congress) के नेताओं की संसदीय जांच टीम शुक्रवार को अगरतला पहुंची. लेकिन, भीड़ ने नेताओं पर हमला किया. टीम 12 मार्च तक यहां रुक सकती है, जिसके बाद यह रिपोर्ट पेश करेगी और 13 मार्च से शुरू हो रहे संसद के सत्र में इस मामले को उठाएगी.

सीपीआई (एम) त्रिपुरा के राज्य सचिव और पूर्व मंत्री जितेंद्र चौधरी ने कहा कि शुक्रवार शाम बीसलगढ़ के नेहलचंद्र नगर बाजार में संसदीय दल पर हुए "भयानक हमले" के कारण शनिवार को होने वाले कार्यक्रमों को मजबूरन स्थगित करना पड़ा है. कांग्रेस और माकपा के सूत्रों ने कहा कि जब संसदीय दल के सदस्य सिपाहीजला जिले के हिंसा प्रभावित विशालगढ़ गए, तो सत्ताधारी बीजेपी समर्थित कुछ लोगों ने उन पर हमला कर दिया. उन्होंने हम पर हमला किया और पथराव किया. हमारे 3-4 वाहनों में तोड़फोड़ की गई है.

माकपा ने एक बयान में कहा, "सांसद, उनके साथ गए कांग्रेस नेता तुरंत वहां से चले गए और बड़े हमले से बच गए." पुलिस के एक बयान में कहा गया है कि स्थानीय विधायकों और नेताओं के साथ सांसदों को विशालगढ़ के नेहल चंद्र नगर में एक अनिर्धारित दौरे के दौरान नारेबाजी का सामना करना पड़ा.

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कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने की घटना की निंदा
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने घटना की निंदा की. रमेश ने ट्वीट किया, "कांग्रेस नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल पर आज त्रिपुरा के विशालगढ़ और मोहनपुर में बीजेपी के गुंडों ने हमला किया. प्रतिनिधिमंडल के साथ गई पुलिस ने कुछ नहीं किया. शनिवार को बीजेपी वहां एक विजय रैली कर रही है. ये पार्टी प्रायोजित हिंसा की जीत है."

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चुनाव के बाद 1200 घटनाएं हुई 
 दो मार्च को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद से राज्य में हिंसा की करीब 1,200 घटनाएं हुई हैं. कांग्रेस और माकपा नेताओं ने कहा कि संसदीय दल में चार लोकसभा सांसद और तीन राज्यसभा सांसद शामिल हैं. इन्हें तीन समूहों में विभाजित किया गया है. ये तीन जिलों - पश्चिम त्रिपुरा, सिपाहीजाला और गोमती में हिंसा प्रभावित गांवों और शहरी क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं. पार्टियों के स्थानीय विधायक पीआर नटराजन, रंजीता रंजन, एए रहीम, अब्दुल खालिक, बिकाश रंजन भट्टाचार्य, विनय विश्वम और एलाराम करीम सहित संसदीय टीमों के साथ थे.

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