चीन के पहुंच बढ़ाने के प्रयासों के बीच भारत को क्‍या उपाय करना चाहिए, संसद की समिति ने दिए सुझाव

रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत के पड़ोस में चीन की बढ़ती पहुंच एवं उपस्थिति के मद्देनजर समिति यह महसूस करती है कि भारत को अपनी विकासात्मक कूटनीति को बढ़ाने एवं इसकी समीक्षा करने की जरूरत है.’’

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प्रतीकात्‍मक फोटो
नई दिल्‍ली:

संसद की एक समिति ने कहा है कि भारत को ऐसे समय में अपनी विकासात्मक कूटनीति को बढ़ाने एवं इसकी समीक्षा करने की जरूरत है जब चीन अपनी पहुंच और उसके पड़ोस में मौजूदगी बढ़ाने का प्रयास कर रहा है.विदेश मंत्रालय से जुड़ी संसदीय समिति द्वारा हाल ही में संसद में पेश की गई कार्रवाई रिपोर्ट में यह बात कही गई है.रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘ भारत के पड़ोस में चीन की बढ़ती पहुंच एवं उपस्थिति के मद्देनजर समिति यह महसूस करती है कि भारत को अपनी विकासात्मक कूटनीति को बढ़ाने एवं इसकी समीक्षा करने की जरूरत है.''

समिति ने यह भी सुझाव दिया कि हमारे विकासात्मक गठजोड़ का विस्तार करने के लिये रणनीति/दृष्टि तैयार करने की जरूरत है जिसमें खासतौर पर क्षमता निर्माण एवं ज्ञान साझा करने पर जोर दिया जाना चाहिए. इससे हमारे पड़ोस में अन्य क्षेत्रीय ताकतों का मुकाबला करने में मदद मिलेगी.'' विदेश मंत्रालय ने समिति को बताया कि भारत सरकार पड़ोसी देशों के साथ अपने संबंधों को सर्वोच्च प्राथमिकता देती है और पड़ोस प्रथम नीति में इस नीति का खासतौर पर उल्लेख है.

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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