'ब्रह्मपुत्र नदी पर बड़े बांध बना रहा चीन, इससे घाटी सभ्‍यता को खतरा' : AGP सांसद ने जताई चिंता

राज्यसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए वैश्‍य ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे पर चीन से तत्काल बात करे और मेकांग नदी जल समझौते की तर्ज पर कोई समझौता करे.

विज्ञापन
Read Time: 11 mins
राज्यसभा में AGP सांसद वीरेंद्र वैश्‍य ने ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन के बांध निर्माण का मुद्दा उठाया
नई दिल्‍ली:

असम गण परिषद (AGP) के सदस्य और वरिष्ठ नेता वीरेंद्र प्रसाद वैश्य ने कहा है कि ब्रह्मपुत्र नदी पर चीन द्वारा बड़े-बड़े बांधों का निर्माण करने से इस नदी में जल प्रवाह बाधित हुआ है और इससे ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा पैदा हो गया है. राज्यसभा में गुरुवार को शून्यकाल में इस मुद्दे को उठाते हुए वैश्‍य ने भारत सरकार से अनुरोध किया कि वह इस मुद्दे पर चीन से तत्काल बात करे और मेकांग नदी जल समझौते की तर्ज पर कोई समझौता करे.उन्होंने कहा, ‘‘ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता देश की प्राचीन सभ्यता है लेकिन इसे चीन की तरफ से बहुत गंभीर चुनौती पैदा हो गई है. ब्रह्मपुत्र हमारी जीवनरेखा है. 50 प्रतिशत से अधिक पानी हमें ब्रह्मपुत्र नदी से मिलता है. ब्रह्मपुत्र नदी का स्रोत चीन में है. चीन ने इस स्रोत के पास बहुत बड़े-बड़े बांधों का निर्माण किया है और पानी को दूसरी ओर प्रवाहित कर रहा है.''

हज सब्सिडी एक राजनीतिक छल थी : लोकसभा में बोले केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी

असम गण परिषद सांसद ने  कहा कि इन बड़े बांधों के निर्माण के चलते ब्रह्मपुत्र नदी में पानी का प्रवाह कम हो गया है और इस वजह से ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को खतरा पैदा हो गया है.उन्होंने कहा, ‘‘मेकांग नदी का पानी छह विभिन्न देशों द्वारा साझा किया जाता है. उनके बीच पानी साझा करने को लेकर एक समझौता है. आपके माध्यम से मैं संबंधित मंत्रालय से आग्रह करता हूं कि वह कोई समझौता करें ओर चीन को ब्रह्मपुत्र नदी के जल को दूसरी ओर प्रवाहित करने से रोके. नहीं तो ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता नहीं बचेगी. यह बहुत दुर्भायपूर्ण होगा.''

वैश्य ने कहा, ‘‘इसलिए चीन के साथ इस मुद्दे को तत्काल उठाइए और ब्रह्मपुत्र घाटी सभ्यता को बचाइए.''ज्ञात हो कि ब्रह्मपुत्र को भारत के पूर्वोत्‍तर राज्‍यों और बांग्‍लादेश के लिए जीवन का आधार माना जाता है और लाखों लोग अपनी आजीविका के लिए इस पर निर्भर हैं.मेकांग नदी को दक्षिण पूर्व एशिया की गंगा कहा जाता है. यह नदी चीन से निकलकर म्यांमार, लाओस, थाईलैंड, कंबोडिया और वियतनाम तक बहती है.

Advertisement
2024 के लिए सबको साथ आना होगा, तीसरा-चौथा फ्रंट नहीं देगा सफलता: संजय राउत

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
Featured Video Of The Day
Vijay Rupani Last Rites: बेटे को बूथ कार्यकर्ता बनाया, खुद गलियों में पैदल चले, लोगों ने क्या कहा?
Topics mentioned in this article