तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन (Shantanu Sen) को अशोभनीय आचरण के कारण राज्यसभा के मौजूदा सत्र में शेष समय के लिए निलंबित किया कर दिया गया है. गौरतलब है कि गुरुवार को उच्च सदन में उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव पेगासस मामले पर स्टेटमेंट देने के लिए खडे हुए, इसी दौरान टीएमसी के सांसद शांतनु सेन ने मंत्री के हाथ से स्टेटमेंट का पेपर छीनकर फाड़कर उपसभापति की तरफ उछाल दिया था. इस पर बीजेपी सांसद भी आक्रामक अंदाज में आगे बढ़े थे और टकराव की स्थिति निर्मित हो गई थी. इसी मामले में शांतनु सेन को सस्पेंड करने का फैसला किया है. हालांकि विपक्षी सांसदों ने सेन के निलंबन पर ऐतराज जताया है.
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विपक्षी सांसद जयराम रमेश, तिरुची शिवा, आनंद शर्मा, सुखेंदु शेखर रॉय और वाइको ने शुक्रवार को राज्यसभा स्थगन के बाद चैयरमेन वेंकैया नायडू से मुलाकात की. सुखेंदु शेखर ने कहा कि आज सदन के बिज़नस में जब उनके निलंबन का मोशन नही था तो कैसे लाया गया. उस पर केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि रूल 29(2) में यह प्रावधान है कि चैयरमेन की अनुमति से सरकार नया बिज़नस ला सकती है. जयराम रमेश ने चैयरमेन से मांग की कि शांतनु सेन को अपना पक्ष रखने का मौका मिलना चाहिए.
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सभापति एम वेंकैया नायडू ने शु्क्रवार को बताया था कि बताया कि एक दिन पहले के अशोभनीय आचरण के लिए तृणमूल कांग्रेस के सांसद शांतनु सेन को राज्यसभा के मौजूदा सत्र में शेष समय के लिए निलंबित किया गया है. आज जब राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो फिर हंगामा शुरू हो गया. इसके कारण उच्च सदन की कार्यवाही दोपहर 2:30 बजे तक स्थगित कर दी गई. इस दौरान राज्यसभा के डिप्टी चेयरमैन ने कहा, 'शांतनु सेन आपसे अनुरोध है कि आप सदन से बाहर चले जाएं आज सुबह राज्यसभा में एक मोशन पास करके आप को सस्पेंड कर दिया है.'