दिल्ली सेवा बिल : लोकसभा में NDA की राह आसान, राज्यसभा में देना होगा टेस्ट, समझें गुणा-गणित

लोकसभा में दिल्ली सेवा बिल को पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. क्योंकि सरकार के पास बहुमत है. लेकिन सरकार की भी परीक्षा राज्यसभा में होगी.

विज्ञापन
Read Time: 24 mins
राज्यसभा में मौजूदा संख्याबल 238 है और बहुमत का आंकड़ा 120 है.
नई दिल्ली:

संसद के मॉनसून सत्र में अब तक दो मुद्दे सबसे ज्यादा छाए रहे हैं. पहला मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर दोनों सदनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) के बयान की मांग. दूसरा दिल्ली अध्यादेश की जगह लाया जाने वाला दिल्ली सेवा बिल. दिल्ली सेवा बिल (Delhi Services Bill) को लोकसभा में मंगलवार को पेश किया जाएगा. गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) इस बिल को सदन के पटल पर रखेंगे. आइए जानते हैं इस बिल को पास कराने के लिए संसद के दोनों सदनों में क्या है सरकार की स्थिति:-

लोकसभा में इस बिल को पास कराने में मोदी सरकार को कोई परेशानी दिखाई नहीं दे रही है. क्योंकि सरकार के पास बहुमत है. लेकिन सरकार की भी परीक्षा राज्यसभा में होगी. सीएम केजरीवाल भी राज्यसभा में अपना पूरा ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. लिहाजा आम आदमी पार्टी के नेता विपक्षी सांसदों की मदद से राज्यसभा में इसे रोकने की कोशिश में हैं.

राज्यसभा का नंबर गेम
कुल संख्या: 245
खाली सीटें: 07
मौजूदा संख्या बल: 238
बहुमत का आंकड़ा: 120

NDA के पास कितने नंबर?
बीजेपी: 92
साथी दल: 11
AIDMK 4
RPI 1
SDF 1
AGP 1
TMCM 1
NPP 1
MNF 1
UPPL 1
बीजेपी+साथी दल= 103
नॉमिनेटेड सांसद: 5
निर्दलीय: 1
सरकार के पक्ष में: 109
बिल के समर्थन में कुल सदस्य: 129

Advertisement

बिल के विरोध में
कांग्रेस  31
TMC 14
DMK 10
AAP 10
BRS 7
RJD 6
CPM 5
JDU 5
NCP 4
SP 3
शिवसेना 3
CPI 2
JMM 12
IUML 1
MDMK 1
KCM 1
RLD 1
निर्दलीय 2 
कुल: 108

Advertisement

राज्यसभा में गैर-हाजिर हो सकते हैं ये नेता
JDS 1
प्रफुल्ल पटेल (NCP)
जयंत चौधरी (RLD) का रुख़ अभी साफ नहीं
3 विपक्षी सांसद अस्वस्थ
मनमोहन सिंह, वशिष्ठ नारायण सिंह और शिबू सोरेन

Advertisement

अध्यादेश से अलग है दिल्ली सेवा बिल
दिल्ली सेवा बिल इस बारे में 19 मई को जारी किए अध्यादेश की हुबहू कॉपी नहीं है. इसमें तीन प्रमुख संशोधन किए गए हैं.
बिल से सेक्शन 3 A को हटा दिया गया है. इसमें दिल्ली विधानसभा को सेवाओं संबंधित कानून बनाने का अधिकार नहीं दिया गया था. इसकी जगह बिल में आर्टिकल 239 AA पर जोर है, जो केंद्र को नेशनल कैपिटल सिविल सर्विस अथॉरिटी (NCCSA) बनाने का अधिकार देता है. पहले अथॉरिटी को अपनी गतिविधियों की एनुअल रिपोर्ट दिल्ली विधानसभा और संसद दोनों को देनी की बात थी. अब इस प्रावधान को भी हटा दिया गया है.

Advertisement

इसके अलावा विभिन्न अथॉरिटी, बोर्ड, आयोग और वैधानिक संस्थाओं के अध्यक्ष, सदस्य की नियुक्ति के बारे में प्रावधान में ढील दी गई है. इसके बारे में प्रस्तावों को उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री को देने से पहले केंद्र सरकार को देने की बाध्यता नहीं होगी. एक नया प्रावधान भी जोड़ा गया है. दिल्ली सरकार द्वारा बोर्ड और आयोग की नियुक्तियां उपराज्यपाल NCCSA की सिफारिशों के आधार पर करेगा. बिल के पास होते ही अध्यादेश समाप्त हो जाएगा. देखना होगा कि विपक्ष एकजुट होकर राज्यसभा में दिल्ली सेवा बिल को पास होने से रोक पाता है या नहीं. 

ये भी पढ़ें:-

 अध्यादेश से अलग है दिल्ली सेवा बिल, लोकसभा में कल होगा पेश, जानें- पारित होने से क्या-क्या बदलेगा? 

 

Featured Video Of The Day
Kazakhstan Plane Crash VIDEO: Landing के दौरान क्रैश हुआ विमान, 72 यात्री थे सवार, सामने आया वीडियो