अपने 30 साल के जिगर के टुकड़े के लिए ये मां-बाप सुप्रीम कोर्ट से क्यों मांग रहे इच्छामृत्यु, जानें पूरा मामला

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने इस मामले में कहा कि चूंकि युवक 2013 से बिना किसी बाहरी जीवन रक्षक मशीनों के जी रहा है, लिहाजा हाईकोर्ट के उस आदेश में हमें कोई खामी नजर नहीं आती, जिसमें इच्छामृत्यु दिए जाने से इंकार किया था.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
बुजुर्ग मां-बाप ने सुप्रीम कोर्ट से बेटे के लिए मांगी इच्छामृत्यु

11 साल से बिस्तर पर बेसुध पड़े अपने 30 साल के बेटे के लिए बुजुर्ग मां बाप ने सुप्रीम कोर्ट से इच्छा मृत्यु मांगी है, लेकिन दिल चीर देने वाली इस अपील पर सीजेआई जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की अगुआई वाली पीठ ने मानवीय आधार पर ASG ऐश्वर्या भाटी से उस 30 वर्षीय युवक को समुचित सुविधाजनक जगह रखने के इंतजाम तलाशने को कहा है.  साथ ही केंद्र सरकार को भी नोटिस जारी किया है.

युवक को 2013 में ऊंचाई से गिरकर सिर में चोट लगी थी

CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चूंकि युवक 2013 से बिना किसी बाहरी जीवन रक्षक मशीनों के जी रहा है, लिहाजा हाईकोर्ट के उस आदेश में हमें कोई खामी नजर नहीं आती, जिसमें इच्छामृत्यु दिए जाने से इंकार किया था. दरअसल, इस युवक की 2013 में ऊंचाई से गिरकर सिर में चोट लगी थी. तब से वो बेसुध और बिस्तर पर हैं. बेटे की फिक्र में 60 साल की उम्र पार कर चुके मां- बाप उसकी समुचित देख-संभाल करने में खुद को असमर्थ पा रहे हैं. 

बेटे के इलाज में बिक चुका है सबकुछ

बता दें कि बेटे के इलाज के चक्कर में घर मकान और जमा पूंजी सभी निकल गए.  उन्होंने अदालत से गुहार लगाई है कि बूढ़े कंधों को इस जिम्मेदारी के बोझ से और बिस्तर पर पड़े बेटे को जिंदगी के बोझ से मुक्त किया जाए.  उन्होंने कोर्ट से उसकी जिंदगी की नहीं बल्कि मौत की गुहार लगाई है, लेकिन कोर्ट ने उनकी अर्जी पर मानवीय रुख अपनाते हुए ASG  ऐश्वर्या भाटी से बेटे की देखभाल की उनकी जिम्मेदारी हल्की करते हुए संभावनाएं तलाशने को कहा है. ऐश्वर्या भाटी ने भी कोर्ट को भरोसा दिलाया कि जल्दी ही वो समुचित समाधानों के विकल्प के साथ कोर्ट के समक्ष हाजिर होंगी.

Advertisement
Featured Video Of The Day
National Herald Case: चार्जशीट में Rahul Gandhi, Sonia Gandhi के नाम पर भिड़े BJP-Congress प्रवक्ता
Topics mentioned in this article