परमबीर सिंह को राहत : जांच जारी रखे महाराष्ट्र पुलिस, पर चार्जशीट ना करे दाखिल- सुप्रीम कोर्ट

परमबीर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने सीबीआई का पक्ष रखा और कहा कि हमारे पास दलीलें रखने के लिए कुछ नहीं है.

विज्ञापन
Read Time: 25 mins
नई दिल्ली:

परमबीर मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान SG तुषार मेहता ने सीबीआई का पक्ष रखा और कहा कि हमारे पास दलीलें रखने के लिए कुछ नहीं है. वहीं इस मामले में परमबीर की ओर से कहा गया कि महाराष्ट्र सरकार ने हलफनामा दाखिल कर दिया है, डीजीपी संजय पांडे ने भी जवाब दाखिल किया है, सीबीआई का जवाब नहीं आया है. हम तो बहस के लिए तैयार हैं. वहीं महाराष्ट्र सरकार ने CBI जांच का विरोध किया है और महाराष्ट्र राज्य के लिए डॉरियस 
खंबाटा ने कहा कि हमने अपना जवाब दाखिल कर दिया है. मामले की सीबीआई से जांच नहीं होनी चाहिए.

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने SG तुषार मेहता से कहा कि आप अपना हलफनामा पेश करें. आपका क्या स्टैंड है. हलफनामे पर अपना स्टैंड बताएं. जस्टिस संजय किशन कौल ने कहा कि लेकिन ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण संदेश देगा. सेवा आदि के आपके आरोपों पर आपको देखना है. हमें केवल यही चिंता होनी चाहिए कि क्या अन्य मामलों के संबंध में CBI को इस पर विचार करना चाहिए या नहीं.

वहीं महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोर्ट में कहा गया कि कई महीनों तक उन्होंने पुलिस आयुक्त के रूप में कार्यभार संभाला और वे बोर्ड का हिस्सा थे. जब उन्हें लगा कि उन पर हमला हो रहा है. उन्होंने चिट्ठी लिखी और इसे मीडिया में लीक कर दिया. वो व्हिसल ब्लोअर नहीं हैं.

Advertisement

जस्टिस संजय किशन कौल ने सुनवाई के दौरान कहा कि आपके विवेक के अनुसार, दफ्तर में नियुक्त करने के बाद क्या उनको इस तरह हटाया जा सकता है ?  हमें केवल इस पर विचार करना है कि क्या हमें इस मानले को CBI को सौंपना चाहिए. हम दुर्भावना के मुद्दे पर नहीं बल्कि पूर्वाग्रह की संभावना के मुद्दे पर हैं. महाराष्ट्र सरकार की दलीलों से हमें लगता है कि किसी अन्य एजेंसी को इस मामले पर विचार करना चाहिए.

Advertisement

वहीं परमबीर सिंह का पक्ष रखते हुए पुनीत ने कहा कि परमबीर हर जांच में शामिल हुए हूं. लेकिन महाराष्ट्र पुलिस तीखी हड़बड़ी दिखा रही है. मेरे खिलाफ उन लोगों द्वारा मामले हैं जिनके खिलाफ मैंने कार्रवाई की थी. उन्होंने परमबीर को सस्पेंड भी कर दिया है. 

Advertisement

सीबीआई ने महाराष्ट्र के डीजीपी संजय पांडे को तलब किया. लेकिन महाराष्ट्र सरकार ने एक रिट याचिका दायर करते हुए कहा कि उन्हें तलब नहीं किया जाना चाहिए. वे नहीं चाहते कि उनके अधिकारियों को तलब किया जाए .

Advertisement

दाखिल ना करें चार्जशीट

जस्टिस एस.के कौल ने कहा कि आप जानते हैं कि एक आम आदमी किस दौर से गुजरता है. मैं सिर्फ उन संकेतों को देख रहा हूं जो एक तरफ से दूसरी तरफ जाते हैं.  सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रथम दृष्टया हमारा विचार है कि मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ जांच अन्य एजेंसी द्वारा की जानी चाहिए. महाराष्ट्र पुलिस द्वारा नहीं. सुप्रीम कोर्ट ने परम बीर सिंह के खिलाफ दर्ज FIR पर महाराष्ट्र पुलिस को जांच जारी रखने को कहा. लेकिन उन मामलों में अदालत में कोई चार्जशीट दाखिल नहीं की जाएगी.

जांच के लिए तैयार सीबीआई

सीबीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि अगर सीबीआई को मामला दिया जा सकता है. तो वो तैयार है. वहीं सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से एक हफ्ते में हलफनामा दाखिल करने को कहा है कि क्या वो मामले की जांच को तैयार है. अब इस मामले की अगली सुनवाई 11 जनवरी को की जानी है.

Featured Video Of The Day
Haryana Murder Case: Raveena ने वो किया, जो Meerut की Muskan ने भी नहीं किया | Khabron Ki Khabar