भारत की एयर स्ट्राइक पर पाकिस्तान PM शहबाज शरीफ का पहला बयान, जानें क्या कहा

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत द्वारा दागी गई मिसाइलों ने पीओके के कोटली और मुजफ्फराबाद और पंजाब प्रांत के बहावलपुर को निशाना बनाया. चौधरी ने कहा कि मिसाइल हमलों में तीन पाकिस्तानी मारे गए और 12 घायल हो गए.

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पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने बुधवार को पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और पंजाब प्रांत में आतंकी ठिकानों पर भारतीय मिसाइल हमलों को युद्ध की कार्रवाई करार दिया और कहा कि उनके देश को "करारा जवाब" देने का पूरा अधिकार है. शरीफ ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान में पांच जगहों पर हमले किए हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘दुश्मन को उसके नापाक उद्देश्यों में कभी सफल नहीं होने दिया जाएगा.'' उन्होंने कहा कि पूरा देश पाकिस्तानी सशस्त्र बलों के साथ है. रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि पाकिस्तान "पूरी ताकत से" जवाब देगा. हम पूरी ताकत से जवाब देंगे. हम इस कर्ज को उसी तरह चुकाएंगे, जिस तरह से इस कर्ज को चुकाया जाता है."  

उन्होंने कहा, "अंतर्राष्ट्रीय मीडिया के लिए सभी जगहें खुली हैं, ताकि वे पुष्टि कर सकें कि उन्होंने आतंकवादियों के शिविरों या नागरिकों को निशाना बनाया है या नहीं."

सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि भारत द्वारा दागी गई मिसाइलों ने पीओके के कोटली और मुजफ्फराबाद और पंजाब प्रांत के बहावलपुर को निशाना बनाया. चौधरी ने कहा कि मिसाइल हमलों में तीन पाकिस्तानी मारे गए और 12 घायल हो गए.

हालांकि, अधिकारियों ने कहा कि भारतीय हमलों में पीओके के कोटली, मुजफ्फराबाद और बाग में पांच स्थानों और पंजाब के बहावलपुर और मुरीदके इलाकों को निशाना बनाया गया.

सेना के प्रवक्ता ने एआरवाई न्यूज चैनल को बताया कि भारत ने बहावलपुर के अहमद ईस्ट इलाके में सुभानउल्लाह मस्जिद, कोटली और मुजफ्फराबाद में तीन स्थानों पर हवाई हमले किए. उन्होंने कहा, "हमारी वायुसेना के सभी जेट विमान हवा में हैं. 

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पाकिस्तान ने 48 घंटे के लिए अपने हवाई क्षेत्र को सभी हवाई यातायात के लिए बंद कर दिया है. 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों में खटास आ गई थी. इस हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकतर पर्यटक थे.

भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई दंडात्मक उपायों की घोषणा की, जिसमें सिंधु जल संधि को निलंबित करना, अटारी में एकमात्र चालू भूमि सीमा क्रॉसिंग को बंद करना और आतंकी हमले के बाद राजनयिक संबंधों को कम करना शामिल है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शीर्ष रक्षा अधिकारियों से कहा था कि सशस्त्र बलों को हमले पर भारत की प्रतिक्रिया के तरीके, लक्ष्य और समय पर निर्णय लेने की “पूर्ण परिचालन स्वतंत्रता” है.


 

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