"सच बोलने की कीमत चुकाई", सरकारी बंगला खाली करते समय बोले कांग्रेस नेता राहुल गांधी

राहुल गांधी ने बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलते वक्‍त कहा कि मैं अब इस घर में नहीं रहना चाहता हूं, क्‍योंकि मुझे इस घर को हिंदुस्‍तान की जनता ने दिया था. उन्‍होंने कहा कि मैं महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाता रहूंगा.

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नई दिल्‍ली:

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने अपना सरकारी बंगला 12 तुगलक लेन खाली कर दिया है. राहुल गांधी ने बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलते वक्‍त मीडिया से बातचीत में कहा कि मैंने सच बोलने की कीमत चुकाई है. मैं सच बोलने के लिए आगे भी कोई भी कीमत चुकाने के लिए तैयार हूं. राहुल गांधी के बंगला खाली करने के बाद वहां से निकलने के वक्‍त उनकी बहन प्रियंका गांधी भी साथ थीं. इस दौरान राहुल गांधी ने सरकारी अधिकारियों से हाथ मिलाया और उन्‍हें चाबी सौंपी. राहुल गांधी ने संसद सदस्‍यता से अयोग्‍य ठहराए जाने के बाद अपना बंगला सरकारी बंगला खाली कर दिया है. 

राहुल गांधी ने बंगले से निकलते वक्‍त कहा कि मैं अब इस घर में नहीं रहना चाहता हूं, क्‍योंकि मुझे इस घर को हिंदुस्‍तान की जनता ने दिया था. अब मैं दस जनपथ में रहूंगा. उन्‍होंने कहा कि मैं महंगाई और बेरोजगारी का मुद्दा उठाता रहूंगा. बता दें कि दस जनपथ उनकी मां और कांग्रेस नेता सोनिया गांधी का सरकारी आवास है. 

राहुल गांधी ने "सच्‍चाई बोलने की कीमत है आजकल! वो जो भी कीमत होगी, मैं चुकाता जाऊंगा" के साथ सरकारी बंगले को खाली करने का एक वीडियो ट्वीट किया है, जिसमें वह एक कमरे से दूसरे कमरे में जाते, स्विच ऑफ करते, ताला लगाते और चाबी सौंपते नजर आ रहे हैं. इस वीडियो में वह कहते नजर आ रहे हैं कि यह घर 19 साल के लिए हिंदुस्‍तान की जनता ने मुझे दिया था, जिसके लिए मैं उनका धन्‍यवाद करना चाहता हूं. आजकल सच्‍चाई बोलने की कीमत है और जो भी कीमत है मैं चुकाऊंगा. 

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सरकारी बंगला खाली करते वक्‍त राहुल गांधी के वहां के कर्मचारियों से हाथ मिलाया और उनके साथ फोटो भी खिंचवाई. इसके बाद उन्‍होंने सरकारी अधिकारी को बंगले की चाबी सौंपी.   

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वहीं प्रियंका गांधी ने कहा कि मेरे भाई ने जो कहा है वो सही कहा है. सरकार के खिलाफ बोलने की सजा मिली है. लड़ाई जारी रहेगी. 

बता दें कि सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि मामले में दोषी ठहराया था और दो साल की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद उन्‍हें लोकसभा से सांसद के रूप में अयोग्‍य घोषित कर दिया गया था. इसके बाद लोकसभा सचिवालय की ओर से 22 अप्रैल तक बंगला खाली करने के लिए नोटिस दिया गया था और आज बंगला खाली करने का आखिरी दिन था. 

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