प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट में संविधान दिवस समारोह में हिस्सा लिया है और इस दौरान ई-कोर्ट परियोजना के तहत विभिन्न नई पहलों और वेबसाइट का उद्घाटन किया. संविधान दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि1949 में यह आज का ही दिन था जब स्वतंत्र भारत ने अपने लिए एक नई भविष्य की नीव डाली थी. इस बार का संविधान दिवस इसलिए भी विशेष है क्योंकि भारत ने अपने आज़ादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं. पीएम ने कहा कि लोगों ने तब आजादी के समय हमारी विफलता की आशंका जताई थी कि हम अपनी आजादी बरकरार नहीं रख पाएंगे. लेकिन हम कामयाब हुए. इसकी बुनियाद संविधान है. महाभारत के एक श्लोक को उद्धृत करते हुए पीएम ने कहा कि लोकरंजन और लोक संरक्षण दोनो कार्य शासन के हैं. संविधान का आधार वाक्य हम भारत के लोग सिर्फ तीन शब्द नहीं बल्कि सारगर्भित दर्शन है. न्याय प्रक्रिया को अधिक सुविधाजनक बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने और अधिक तेज कदम बढ़ाए हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत एक वैश्विक शक्ति के रूप में आगे बढ़ रहा है. दुनिया देख रही है भारत समर्थक नीति सभी को राहत दे रही है. खासकर महिलाओं को, पुराने कानूनों को खत्म करना हमारी प्राथमिकताओं में से एक है.15 अगस्त को मैंने लाल किले से अपने भाषण में अपने कर्तव्यों पर जोर दिया. हमने अगले 50 साल के लिए योजना बनाई है. आजादी का अमृत काल कर्तव्य काल है. हम जल्द ही विकास के नए स्तर पर पहुंचेंगे. हम कई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं. हमें जी-20 की अध्यक्षता मिलने जा रही है. यह एक बड़ी उपलब्धि है.
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि आजादी का ये अमृत काल देश के प्रति कर्तव्य काल है. हमारा दायित्व ही प्राथमिकता है. कर्तव्य पथ पर दायित्व का भान जरूरी है. G- 20 की अध्यक्षता मिलने का जिक्र करते हुए पीएम ने बोला कि हमें टीम के रूप में दुनिया के सामने मजबूती से रखने की जरूरत है. लोकतंत्र की जननी के रूप में भारत की युवा सोच भविष्योन्मुखी है. युवा केंद्रित नीतियां हैं तो युवा शक्ति अपना परचम दुनिया में लहरा रही है. संविधान दिवस पर सरकार की व्यवस्था और न्यायपालिका और युवा सोच देश की बेहतरी के लिए संविधान और कानून के इतिहास को जानें. कैसे बहस हुई, किन मुद्दों पर बहस हुई. संविधानिक विषयों पर युवाओँ को डिबेट का हिस्सा बनना चहिये ताकि उनकी संविधान के ओर लेकर समझ और दिलचस्पी बढ़ेगी.
साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2008 के मुंबई आतंकवादी हमले को याद किया. उन्होंने कहा कि जब भारत कानून दिवस मना रहा था, आतंकवादियों - मानवता के दुश्मनों- ने भारत पर सबसे भयानक हमलों में से एक को अंजाम दिया, जान गंवाने वालों को श्रद्धांजलि.