विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को गुजरात में एक कार्यक्रम के दौरान एक किस्सा याद करते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस और यूक्रेन के नेताओं को फोन कर युद्ध क्षेत्रों में फंसे भारतीय छात्रों की सुरक्षित वापसी का आश्वासन देने का आह्वान किया था. रूस ने इस साल फरवरी के अंतिम सप्ताह में यूक्रेन पर हमला कर दिया था. जिसके परिणामस्वरूप बड़े पैमाने पर मानवीय स्थिति पैदा हुई. भारत ने ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे भारत के 22,500 छात्रों को वहां से सुरक्षित वापसी निकला था.
सूरत में मोदी@20 कार्यक्रम के दौरान विदेश मंत्री ने कहा कि " प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति पुतिन और ज़ेलेंस्की को फोन किया, उनसे कहा कि हमारे बच्चे फंस गए हैं ... उन्हें आश्वासन दिया गया कि उस दौरान फायरिंग नहीं होगी और इस तरह हम अपने बच्चों को बाहर निकालने में सफल रहे."
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सूरत में लाइव ऑडियंस के सामने बोलते हुए, जयशंकर ने कहा कि COVID-19, जलवायु परिवर्तन और रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण अनिश्चित वैश्विक परिदृश्य के बावजूद, भारत दुनिया भर में मजबूत व्यापारिक भावना को प्रदर्शित करना जारी रखता है.
"मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी" पुस्तक के अध्यायों में योगदान देने वाली प्रख्यात हस्तियों ने पुस्तक में अपने अनुभव और विषयों का वर्णन किया है. ऐसी ही एक शख्सियत हैं नंदन नीलेकणी, जिन्होंने आधार पर काफी काम किया. नंदन नीलेकणि की एक कहानी को याद करते हुए, जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी आधार की शक्ति को समझने वाले एकमात्र मुख्यमंत्री थे. उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी आधार की शक्ति को समझने वाले एकमात्र सीएम थे. इसकी वजह से, प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण संभव हो सका. कोविन पोर्टल, पीएम आवास योजना, पीएम गरीब कल्याण योजना- इसके बिना कुछ भी संभव नहीं होता,"
मोदी@20: ड्रीम्स मीट डिलीवरी' पुस्तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राजनीतिक सफर के करीब 20 साल पूरे होने के बारे में है.
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