दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जय प्रकाश नारायण एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में 36 घंटे के भीतर तीन ‘कैडेवरिक' अंग दान की प्रक्रिया पूरी की. चिकित्सकों ने शनिवार को यह जानकारी दी. इस साल एम्स ट्रॉमा सेंटर में किया गया यह 12वां अंग दान है. ‘कैडेवरिक' अंग दान का अर्थ है 'ब्रेन डेड' लोगों से अंग लेना.
मीडिया प्रकोष्ठ की प्रभारी प्रोफेसर डॉ. रीमा दादा ने कहा, सबसे कम उम्र की दाता ढाई साल की लड़की थी, जो अपने घर की तीसरी मंजिल की बालकनी से गिरने के बाद ‘ब्रेन डेड' हो गई थी. ब्रेन डेड से आशय मस्तिष्क के काम करना बंद कर देने से है.
उसके अंगों को एम्स की बहु-विषयक टीम और चेन्नई के कार्डियोथोरेसिक सर्जनों द्वारा हासिल किया गया था। इससे दो बच्चों को नई जिंदगी मिलेगी. प्राप्तकर्ता चेन्नई का आठ महीने का एक बच्चा होगा जिसे डाइलेटेड कार्डियोमायोपैथी है, जो एक जन्मजात हृदय संबंधी बीमारी है.
पिछले 36 घंटों में हुए दो और दान में, राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (एनओटीटीओ) की आवंटन नीति के अनुसार दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न अस्पतालों में कुल पांच लोगों को किडनी और लीवर प्रत्यारोपित किया गया.