संसद के मॉनसून सत्र के दौरान सदन के हंगामा करने के आरोप में राज्यसभा के 19 सांसदों (MP Suspend) को निलंबित करने के विरोध में विपक्ष मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है. टीएमसी, राजद, शिवसेना समेत कई राजनीतिक पार्टियां सांसदों के इस निलंबन को गलत बता रहे हैं और मोदी सरकार पर हमला बोल रहे हैं.
राज्यसभा से निलंबित 19 सासंदों में तीन सांसद टीएमसी के हैं. इनमें के नाम मौसम नूर, शांतनु सेन, नदीमूल हक हैं. टीएमसी के इन सांसदों ने अपने निलंबन पर कहा कि वह जनता से जुड़े महंगाई के मुद्दे उठा रहे थे. इसलिए उनको सदन से निलंबित कर दिया गया. इनका आरोप है कि अगर सदन में वित्त मंत्री नहीं थे, तो प्रधानमंत्री ने क्यों नहीं सदन में आकर जवाब दिया. महंगाई के मुद्दे पर सरकार से कोई भी जवाब नहीं देता है और आवाज उठाने वाले सांसदों को निलंबित किया जा रहा है.
राजद और शिवसेना ने कहा, सारे विपक्ष को निलंबित क्यों नहीं कर देते
राजद के मनोज झा और शिवसेना कि प्रियंका चतुर्वेदी ने 19 सांसदों के खिलाफ निलंबन पर गुस्सा जताया है. कहा कि सांसद जनता से जुड़े महंगाई के मुद्दे नहीं उठाएंगे तो फिर क्या करेंगे? सरकार एक बार में ही पूरे विपक्ष के सांसदों को सस्पेंड क्यों नहीं कर देती है. सरकार सदन में महंगाई पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है और जानबूझकर सांसदों को निलंबित कर रही है. 19 सांसदों का निलंबन करना इसी बात का परिचायक है.
बाजेपी नेता सुशील मोदी ने किया बचाव
बाजेपी के वरिष्ठ नेता सुशील मोदी ने 19 सांसदों के निलंबन पर कहा कि ये सांसद जिस तरह का हंगामा सदन में कर रहे थे, ऐसा हंगामा और नारेबाजी हमने सदन में नहीं देखी थी. ऐसे में इन सांसदों के निलंबन के सिवाय कोई और दूसरा चारा नहीं था. सरकार बहस कराने के लिए तैयार थी, लेकिन ये सांसद बात नहीं करना चाहते थे, बल्कि ये लोग सदन में व्यवधान पैदा कर रहे थे.
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