"आप हमारे अभिभावक हैं": मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ से मांगी 'सुरक्षा'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत करते हुए कहा, "संसद में बोलने की आजादी की मिलनी चाहिए. मेरी छोटी गलती के लिए आप बड़ी सजा देते हैं, लेकिन उनकी गलतियों को माफ कर देते हैं."

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राज्यसभा में नेताप्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सभापति जगदीप धनखड़ के बीच हंसी-मजाक भी देखने को मिला.

नई दिल्ली:

संसद का विशेष सत्र (Parliament Special Session) सोमवार (18 सितंबर) से शुरू हो गया. सत्र के पहले दिन राज्यसभा में सभापति जगदीप धनखड़ (Rajya Sabha Chairman Jagdeep Dhankhar) और नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बीच जोरदार बहस हो गई. मल्लिकार्जुन खरगे (Mallikarjun Kharge)ने सदन में बोलने की आजादी को लेकर सभापति से शिकायत की. खरगे ने कहा, "विपक्ष को सदन के अंदर विभिन्न विषयों पर अपने विचार रखने के पर्याप्त मौके नहीं मिलते हैं." उन्होंने सभापति जगदीप धनखड़ से गुजारिश करते हुए कहा, "सत्तापक्ष और विपक्ष के सांसदों के बोलने के दौरान संसद के अंदर के कैमरे का फोकस बराबर होना चाहिए." कांग्रेस अध्यक्ष और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष खरगे ने कहा, "हमें बाहर मौका नहीं मिलता है. हमें यहां मौका मिलता है, इसलिए कृपया हमें मौका दें."

मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा,"आप हमारे अभिभावक हैं. अगर हमारे खिलाफ कोई अन्याय होता है, तो आप ही हैं जिन्हें हमारी रक्षा करनी चाहिए. हम संख्या में बहुत कम हैं, अगर वे सभी (सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए के सांसद) हम पर हमला करना शुरू कर देंगे, तो हम आप ही के पास आएंगे.'' 

मल्लिकार्जुन खरगे ने राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ से शिकायत करते हुए कहा, "संसद में बोलने की आजादी की मिलनी चाहिए. मेरी छोटी गलती के लिए आप बड़ी सजा देते हैं, लेकिन उनकी गलतियों को माफ कर देते हैं." इसपर सभापति धनखड़ ने उन्हें टोकते हुए पूछा कि क्या आज खरगे उन पर ही अटैक करेंगे. जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन पर क्या बीती होगी जब खरगे ने कहा कि सदन में उन्हें बोलने का मौका नहीं दिया गया. इस दौरान, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश भी बीच में बोल पड़े तो सभापति धनखड़ उनकी भी क्लास लगा दी. सभापति ने खरगे से यह भी कहा कि जब किसी मुद्दे पर बहस हुई आपने तो वॉकआउट ही कर दिया.

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने संबोधन में मणिपुर में हुई जातीय हिंसा का भी जिक्र किया. कांग्रेस अध्यक्ष ने केंद्र पर निशाना साधते हुए एक हिंदी कविता के साथ अपना संबोधन शुरू किया-

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बदलना है तो अब हालात बदलो
ऐसे नाम बदलने से क्या होता है?

देना है तो युवाओं को रोजगार दो
सबको बेरोजगार करके क्या होता है?

दिल को थोड़ा बड़ा करके देखो 
लोगों को मारने से क्या होता है?

कुछ कर नहीं सकते तो कुर्सी छोड़ दो
बात-बात पर डराने से क्या होता है?

अपनी हुक्मरानी पर तुम्हें गुरूर है
लोगों को डराने-धमकाने से क्या होता है?

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संसद के विशेष सत्र का पहला दिन पुरानी संसद में ही आयोजित किया गया है. 19 सितंबर यानी गणेश चतुर्थी से नई ससंद में कार्यवाही शुरू की जाएगी. पुरानी संसद में आज उसके 75 सालों के सफर की चर्चा की गई. 

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बता दें कि केंद्र सरकार ने 18 से 22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है. स्पेशल सत्र में पांच बैठकें होंगी. इस दौरान चार बिल पेश किए जाएंगे. उधर विपक्षी पार्टियों ने सरकार से सवाल-जवाब करने के लिए 9 मुद्दों की लिस्ट तैयार की है. विपक्षी गठबंधन INDIA से 24 पार्टियां इस सेशन में हिस्सा लेंगी.

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