JNU और तुर्किए की INONU के बीच MOU स्थगित, राष्ट्रीय सुरक्षा को देखते हुए लिया गया फैसला

तुर्किए ने पाकिस्तान को ड्रोन उपलब्ध कराए थे. इससे तुर्किए का दोहरा चरित्र सामने आया है. फरवरी 2023 में तुर्किए में भयंकर भूकंप आया था. उस समय भारत उन पहले देशों में था, जिसने मदद का हाथ तुर्किए की तरफ बढ़ाया था.

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नई दिल्ली:

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए तुर्किए के इनोनू (INONU) विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक समझौता ज्ञापन को स्थगित कर दिया है. जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय ने इसको लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों का हवाला दिया है. अगले आदेश तक दोनों यूनिवर्सिटी के बीच एमओयू स्थगित रहेगा.

पहलगाम में हुए हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच हुए संघर्ष में तुर्किए ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया था. तुर्किए ने पाकिस्तान को अपने ड्रोन भी उपलब्ध कराए थे. इस घटना के बाद भारत के हर वर्ग में तुर्किए के प्रति रोष है और खुलकर विरोध हो रहा है.

हाल में आई रिपोर्ट्स के मुताबिक, तुर्किए ने यूक्रेन और रूस के बीच लंबे समय से जारी युद्ध को अपनी मध्यस्थता में समाप्त करने की पेशकश की थी. लेकिन, जब भारत-पाकिस्तान के बीच पाकिस्तान की वजह से युद्ध की स्थिति बनी, उस समय तुर्किए ने दोनों पक्षों में शांति की अपील की जगह पाकिस्तान का साथ दिया था.

तुर्किए ने पाकिस्तान को ड्रोन उपलब्ध कराए थे. इससे तुर्किए का दोहरा चरित्र सामने आया है. फरवरी 2023 में तुर्किए में भयंकर भूकंप आया था. उस समय भारत उन पहले देशों में था, जिसने मदद का हाथ तुर्किए की तरफ बढ़ाया था. इसके बावजूद तुर्किए भारत के विरुद्ध काम कर रहा है.

इधर सोशल मीडिया पर तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा के बहिष्कार के आह्वान के बीच ट्रैवल प्लेटफॉर्म मेकमाईट्रिप ने कहा है कि पिछले एक सप्ताह में दोनों देशों के लिए बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि रद्दीकरण में 250 प्रतिशत यानी ढाई गुना की वृद्धि हुई है.

‘ऑपरेशन सिंदूर' के बाद पाकिस्तान को समर्थन देने के कारण पूरे देश में तुर्किए और अजरबैजान की यात्रा का बहिष्कार करने का आह्वान किया जा रहा है. भारत ने 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट करने के लिए छह और सात मई की दरमियानी रात को ‘ऑपरेशन सिंदूर' शुरू किया था.

इसके बाद पाकिस्तान द्वारा किए गए आक्रमण का जवाब ‘ऑपरेशन सिंदूर' के तहत दिया गया. तुर्किये और अजरबैजान, दोनों देशों ने पाकिस्तान और उसके कब्जे वाले कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले की आलोचना की थी.

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