लोजपा में आर-पार की जंग, चिराग पासवान की अगुवाई में LJP ने पांचों सांसदों को पार्टी से निकाला

लोक जनशक्ति पार्टी में नेतृत्व की लड़ाई आऱ-पार की स्थिति में पहुंचगई है. चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बागी सांसदों के फैसले के कुछ घंटों के भीतर ही दूसरे खेमे से भी जवाब आय़ा.

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Lok Janshakti Party में चिराग पासवान और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच जंग.
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  • Chirag Paswan को एलजेपी संसदीय दल के नेता से हटाया गया
  • चिराग के चाचा पशुपति कुमार पारस को नया नेता बनाया गया
  • एलजेपी में चिराग पासवान के समर्थकों ने पटना में किया हंगामा
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पटना:

लोक जनशक्ति पार्टी (Lok Janshakti Party ) में नेतृत्व की लड़ाई आऱ-पार की स्थिति में पहुंचगई है. चिराग पासवान (Chirag Paswan) को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटाए जाने के बागी सांसदों के फैसले के कुछ घंटों के भीतर ही दूसरे खेमे से भी जवाब आय़ा. पार्टी की ओर से जारी एक पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में एलजेपी के पांचों बागी सांसदों को पार्टी से निकाल दिया गया है. लोक जनशक्ति पार्टी के लेटर हेड पर चिराग पासवान को राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर दिखाया गया है. इसमें कहा गया है कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति ने एकमत से पार्टी सांसद पशुपति कुमार पारस (Pashupati Kumar Paras) , वीणा देवी, चौधरी महबूब अली कैसर, चंदन सिंह और प्रिंस राज को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निष्कासित कर दिया है. एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को पार्टी की ओर से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए सभी निर्णय़ लेने के लिए अधिकृत किया गया है.

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उधर, चिराग पासवान को पार्टी सांसदों द्वारा अध्यक्ष पद से हटाने जाने के ऐलान के बाद मंगलवार शाम को पटना में लोजपा के दफ्तर में हंगामा हो गया. चिराग पासवान के समर्थकों ने पार्टी के पांचों अन्य सांसदों के पोस्टर पर कालिख पोत दी और जमकर नारेबाजी की. बिहार लोक जन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष राजू तिवारी ने NDTV से कहा कि मंगलवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सर्वसम्मति से फैसला लिया है कि पांचों सांसदों को पार्टी से निकाल दिया गया है. इन बागी सांसदों ने पार्टी विरोधी काम किया है. इस कार्यकारिणी की बैठक में ज़्यादातर सदस्य शामिल थे. उनको पहले ही नोटिस दिया गया था.

तिवारी का कहना है कि पार्टी के संविधान के तहत ही किसी को निकाला जाता है. तिवारी के मुताबिक, ज्यादातर नेता चिराग के साथ हैं और सांसदों के कहने से कुछ नही होता है. तिवारी ने कहा कि जब विधानसभा चुनाव के समय ये सांसद आहत थे तो कुछ क्यों नही कहा. उचित फोरम में कभी नही बोले और तब भी ये सब नही बोले कि 15 सीट पर नही लड़ेंगे. बिहार विधानसभा चुनाव में अकेले जाने की बात हुई थी. हमारा पार्टी का जनाधार है. चिराग बिहार में निकलेंगे. लेकिन अभी वो बहुत आहत हैं और उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही है. यह किसके इशारे पर हो रहा है सबको पता है.

इससे पहले तेजी से घटे घटनाक्रम में चिराग से असंतुष्ट पांच अन्य सांसदों ने सुबह के वक्त चिराग पासवान को एलजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया था.उनके स्थान पर सूरजभान को कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. सूरजभान को पार्टी के नया अध्यक्ष चुनने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई थी. यह भी कहा गया है कि पांच दिनों के भीतर राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक बुला कर लोजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव कराया जाएगा.

इससे पहले एलजेपी (LJP) ने चिराग पासवान को पार्टी के संसदीय दल के नेता पद से भी हटा दिया था. माना जा रहा है कि पशुपति कुमार पारस को ही बागी खेमा पार्टी का नया राष्ट्रीय अध्यक्ष घोषित करेगा. अब देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी पर किस खेमे का आगे नियंत्रण रहता है. संभावना है कि यह लड़ाई चुनाव आयोग के दरवाजे तक पहुंच जाए.
 

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