Exclusive: ऑनलाइन ट्रोलिंग गलत, संसद को कानून बनाना चाहिए... पूर्व CJI बीआर गवई ने कही दिल की बात

Former CJI BR Gavai Interview: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायधीश पद से रिटायर हुई जस्टिस बीआर गवई ने बुधवार को NDTV से हुई खास बातचीत में अपनी जर्नी, अपने दिए फैसलों के साथ-साथ अन्य मुद्दों पर खुलकर बात की.

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NDTV से बातचीत करते पूर्व सीजेआई बीआर गवई.
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  • BR गवई ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायधीश के रूप में अपने 6 महीने के कार्यकाल को सफल और संतोषजनक बताया.
  • उन्होंने NDTV से अमरावती के एक छोटे गांव से निकलकर सीजेआई तक पहुंचने की यात्रा साझा की.
  • गवई ने ऑनलाइन ट्रोलिंग को अनुचित बताया और कहा कि संसद को इसे नियंत्रित करने के लिए उचित कदम उठाने चाहिए.
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नई दिल्ली:

BR Gavai Interview: सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायधीश भूषण रामकृष्ण गवई (BR Gavai) ने बुधवार को NDTV से खास बातचीत में कई मुद्दों पर बात की. बीआर गवई देश के 52वें प्रधान न्यायधीश रहे. उनके कार्यकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के कई फैसले चर्चाओं के केंद्र में रहे. अब सीजेआई पद से रिटायरमेंट के बाद बीआर गवई ने अपनी जर्नी के साथ-साथ अपने चर्चित फैसलों पर भी खुलकर बात की. एनडीटीवी से हुई खास बातचीत में बीआर गवई ने कहा कि मुझे जो करना था, मैंने पहले से तय किया था. उन्होंने यह भी कहा कि सीजेआई के तौर पर 6 महीने बहुत अच्छे से बीता.

छोटे गांव में निकलकर यहां तक संविधान के कारण पहुंचाः बीआर गवई

अपनी जर्नी पर बीआई गवई ने कहा कि आप सभी जानते हैं कि अमरावती के एक छोटे से गांव से मैं यहां तक पहुंचा. भारत के संविधान के कारण मेरे जैसे एक छोटे कस्बे में जन्मा, छोटे स्कूल में पढ़ा व्यक्ति यहां तक पहुंच सका. गवई ने सीजेआई सूर्यकांत का भी नाम लिया, उन्होंने कहा कि मेरी तरह वो भी छोटे गांव से निकल कर यहां तक पहुंचे हैं.  

ऑनलाइन ट्रोलिंग और सोशल मीडिया पर कही दिल की बात

इस बातचीत के दौरान बीआई गवई ने ऑनलाइन ट्रोलिंग और सोशल मीडिया पर भी खुलकर बात की. सुप्रीम कोर्ट के पूर्व प्रधान न्यायधीश बीआर गवई ने ऑनलाइन ट्रोलिंग को बहुत गलत बताया. उन्होंने साफ कहा कि ट्रोलिंग को कंट्रोल करने के लिए संसद को कुछ न कुछ करना चाहिए. प्राइमरी जिम्मेदारी तो उन्हीं की है. बीआई गवई ने यह भी कहा कि जजों पर पर्सनल अटैक गलत है. उन्होंने यह भी कहा कि मैं सोशल मीडिया को देखता ही नहीं हूं... कभी कभार आधा-एक मिनट दे लिया. यदि मैं इन सब चीजों को कुछ ना कुछ तो माइंड में रहता ही है. 

पूर्व सीजेआई ने यह भी कहा कि सिर्फ सरकार के विरोध में ही फैसले देंगे तभी जज अच्छे होंगे, यह गलत धारणा है. हम जो जजमेंट देते हैं तो फैक्ट के आधार पर देते हैं.

हमने कई बार ED को ओपनली क्रिटिसाइज कियाः बीआर गवई

बीआई गवई ने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि कोई भी जज किसी के प्रेशर में आकर फैसला देगा. हम संविधान और कानून के तहत फैसला देते हैं. सरकार के खिलाफ फैसले भी हम खूब देते हैं. हमने ED को कई बार ओपनली क्रिटिसाइज किया है. कोई भी एजेंसी चाहे वो राज्य का पुलिस हो या ईडी या और भी कोई एजेंसी, यदि वो राजनीति के दवाब में आकर किसी नेता पर दवाब देते हैं तो हम लोग तुरंत फैसले देते हैं. 

मुझे यकीन कि हमारी ज्यूडिशरी हमेशा मजबूत रहेगीः बीआर गवई

बीआर गवई ने यह भी कहा कि मुझे पूरा यकीन है कि हमारी ज्यूडिशरी हमेशा मजबूत रहेगी. हमारी ज्यूडिशरी प्रेशर में आकर काम नहीं करेगी. वक्फ पर जो हमारा जजमेंट था, दोनों पक्षों ने उसकी सराहना की. कानून और कायदे से जो मुझे सही लगा वो मैंने फैसला दिया. उसका मुझे कोई रिग्रेट नहीं है. 

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क्रीमिलियर पर दिए ऐतिहासिक फैसले पर क्या बोले बीआर गवई

क्रीमिलियर पर दिए फैसले पर बीआई गवई ने कहा कि बचपन जरूर हमारा गरीबी में बीता. लेकिन बाद में हमें अच्छी शिक्षा मिली. सारी सुविधाएं मिली तो मेरे पिता जी का कहना था कि जब तुम्हें सभी सुविधाएं मिल रही है तो रिजर्वेशन का लाभ क्यों लेना? मैं भी यही सोचता हूं. बाबा साहब ने जो आरक्षण की व्यवस्था दी है, वो समाज के निचले तबके के लिए है. मेरे जैसा आदमी जो काफी आगे निकल चुका है, उसे रिजर्वेशन का लाभ देना सही होगा या जो उसी समाज में कई किलोमीटर पीछे रह गया है उसे आरक्षण का लाभ देना.

बुलडोजर एक्शन पर दिए फैसले पर पूर्व सीजेआई ने कहा कि मैंने यहां तक फैसले में कहा कि यदि कोई दोषी भी है तो भी उसकी सजा उसके घर को नहीं दे सकते. पूरे देश से ऐसे मामले आने के बाद हमने एक गाइडलाइन बनाई और कहा कि बुलडोजर एक्शन के खिलाफ हाईकोर्ट में पीड़ित जा सकते हैं. 

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