एक राष्ट्र, एक चुनाव : कोविंद समिति ने देश में एक साथ चुनाव करवाने के लिए राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक साथ चुनाव के विचार का समर्थन करते रहे हैं और उन्होंने कहा है कि देश को महान बनाने के लिए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा जरूरी है.

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नई दिल्ली:

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली एक उच्च-स्तरीय समिति ने पहले कदम के तहत लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने की तथा इसके बाद 100 दिनों के भीतर एक साथ स्थानीय निकाय चुनाव कराने की बृहस्पतिवार को सिफारिश की. राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को सौंपी गई 18000 से ज्यादा पृष्ठों की रिपोर्ट में कोविंद की अगुवाई वाली समिति ने कहा कि एक साथ चुनाव कराए जाने से विकास प्रक्रिया और सामाजिक एकजुटता को बढ़ावा मिलेगा, लोकतांत्रिक परंपरा की नींव गहरी होगी और 'इंडिया जो कि भारत है' की आकांक्षाओं को साकार करने में मदद मिलेगी.

इस समिति ने अपनी सिफारिशों में कहा कि त्रिशंकु स्थिति या अविश्वास प्रस्ताव या ऐसी किसी स्थिति में नयी लोकसभा के गठन के लिए नए सिरे से चुनाव कराए जा सकते हैं.

समिति ने कहा कि लोकसभा के लिए जब नये चुनाव होते हैं, तो उस सदन का कार्यकाल ठीक पहले की लोकसभा के कार्यकाल के शेष समय के लिए ही होगा. उसने कहा कि जब राज्य विधानसभाओं के लिए नए चुनाव होते हैं, तो ऐसी नयी विधानसभाओं का कार्यकाल -अगर जल्दी भंग नहीं हो जाएं- लोकसभा के पूर्ण कार्यकाल तक रहेगा.

समिति ने कहा कि इस तरह की व्यवस्था लागू करने के लिए, संविधान के अनुच्छेद 83 (संसद के सदनों की अवधि) और अनुच्छेद 172 (राज्य विधानमंडलों की अवधि) में संशोधन की आवश्यकता होगी. समिति ने कहा, 'इस संवैधानिक संशोधन की राज्यों द्वारा पुष्टि किए जाने की आवश्यकता नहीं होगी.'

उसने यह भी सिफारिश की कि भारत निर्वाचन आयोग राज्य चुनाव अधिकारियों के परामर्श से एकल मतदाता सूची और मतदाता पहचान पत्र तैयार करे. समिति ने कहा कि इस उद्देश्य के लिए मतदाता सूची से संबंधित अनुच्छेद 325 को संशोधित किया जा सकता है.

फिलहाल, भारत निर्वाचन आयोग पर लोकसभा और विधानसभा चुनावों की जिम्मेदारी है, जबकि नगर निकायों और पंचायत चुनावों की जिम्मेदारी राज्य निर्वाचन आयोगों पर है.

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समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'अब, हर साल कई चुनाव हो रहे हैं. इससे सरकार, व्यवसायों, कामगारों, अदालतों, राजनीतिक दलों, चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों और बड़े पैमाने पर नागरिक संगठनों पर भारी बोझ पड़ता है.' इसमें कहा गया है कि सरकार को एक साथ चुनाव प्रणाली लागू करने के लिए 'कानूनी रूप से व्यवहार्य तंत्र' विकसित करना चाहिए.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि संविधान के मौजूदा प्रारूप को ध्यान में रखते हुए समिति ने अपनी सिफारिशें इस तरह तैयार की हैं कि वे संविधान की भावना के अनुरूप हैं तथा उसके लिए संविधान में संशोधन करने की नाममात्र जरूरत है.

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कोविंद ने जब राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति मूर्मू को रिपोर्ट सौंपी, उस वक्त उनके साथ समिति के सदस्य गृह मंत्री अमित शाह, वित्त आयोग के पूर्व प्रमुख एनके सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष कश्यप, राज्यसभा में विपक्ष के पूर्व नेता गुलाम नबी आज़ाद और विधि मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी थे.

बयान के अनुसार इस उच्चस्तरीय समिति का गठन दो सितंबर, 2023 को किया गया था और हितधारकों व विशेषज्ञों के साथ व्यापक परामर्श और 191 दिनों के शोध के बाद यह रिपोर्ट तैयार की गई है.

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक साथ चुनाव के विचार का समर्थन करते रहे हैं और उन्होंने कहा है कि देश को महान बनाने के लिए 'एक राष्ट्र, एक चुनाव' की अवधारणा जरूरी है.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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