केंद्रीय मत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में एक देश एक चुनाव के लिए 129वां संविधान संसोधन बिल पेश किया था. इसके बाद अब वन नेशन वन इलेक्शन बिल को जेपीसी में भेजा जा रहा है. सूत्रों की मानें तो ज्वॉइंट पार्लियामेंट्री कमिटी (JPC) में कांग्रेस की तरफ से प्रियंका गांधी, मनीष तिवारी, रणदीप सुरजेवाला और सुखदेव भगत शामिल होंगे. सूत्रों के मुताबिक टीएमसी से कल्याण बनर्जी और साकेत गोखले इसमें शामिल होंगे. वहीं शिवेसना शिंदे गुट से श्रीकांत इसमें शामिल होंगे.
बता दें कि अगर बिल को जेपीसी की ओर से क्लियरेंस मिल जाती है और संसद के दोनों सदनों से यह बिल पास हो जाता है तो इसे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राष्ट्रपति के साइन करते ही ये बिल कानून बन जाएगा. अगर ऐसा हो गया तो देशभर में 2029 तक एक साथ चुनाव होंगे.
क्या है वन नेशन वन इलेक्शन बिल?
भारत में फिलहाल राज्यों के विधानसभा और देश के लोकसभा चुनाव अलग-अलग समय पर होते हैं. वन नेशन वन इलेक्शन का मतलब है कि पूरे देश में एक साथ ही लोकसभा और विधानसभाओं के चुनाव कराए जाना.
क्यों वन नेशन वन इलेक्शन बिल लाना चाहती है सरकार?
नवंबर 2020 में PM नरेंद्र मोदी ने कई मंचों पर 'वन नेशन वन इलेक्शन' पर बात की थी. उन्होंने कहा था, "एक देश एक चुनाव सिर्फ चर्चा का विषय नहीं, बल्कि भारत की जरूरत है. हर कुछ महीने में कहीं न कहीं चुनाव हो रहे होते हैं. इससे विकास कार्यों पर प्रभाव पड़ता है. पूरे देश की विधानसभाओं और लोकसभा के चुनाव एक साथ होते हैं तो इससे चुनाव पर होने वाले खर्च में कमी आएगी.