जहरीले कफ सिरप से एक और बच्‍चे की मौत, अंतरराष्‍ट्रीय स्‍तर पर पहुंचा मामला, WHO ने भारत से पूछे ये 4 सवाल

जहरीले कफ सिरप का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है. सूत्रों के अनुसार, विश्‍व स्‍वाथ्‍य संगठन (WHO) ने भारत सरकार से जवाब है.

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कफ सिरप पर WHO ने भारत सरकार को ईमेल भेजकर मांगी जानकारी
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  • मध्यप्रदेश के एक मासूम बच्चे की नागपुर के अस्‍पताल में संदिग्ध जहरीले कफ सिरप से मृत्यु हो गई है
  • नागपुर के अस्पतालों में जहरीले कफ सिरप से संबंधित लक्षण वाले बच्चों की कुल मृत्यु संख्या 22 तक पहुंच चुकी है
  • WHO ने भारत सरकार से बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की निगरानी और गुणवत्ता जांच प्रणाली पर जानकारी मांगी है
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नई दिल्‍ली:

जहरीले कफ सिरफ का शिकार एक और बच्‍चा हो गया है. मध्यप्रदेश कके एक और मासूम बच्‍चे की महाराष्‍ट्र में नागपुर के शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय और अस्पताल (GMCH) में मौत हो गई है. नागपुर के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती बच्चों की कुल मृत्यु संख्या 22 हो गई है, जिसमें से 16 मध्यप्रदेश के हैं और जिनमें संदिग्ध दूषित कफ सिरप से संबंधित लक्षण थे. जहरीले कफ सिरप का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है. सूत्रों के अनुसार, विश्‍व स्‍वाथ्‍य संगठन (WHO) ने भारत सरकार से जवाब है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूछा है कि बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की भारत में निगरानी कैसे होती है? 

बुखार आया था... साढ़े तीन साल के मयंक की मौत

डब्‍ल्‍यूएचओ ने भारत सरकार को ईमेल भेजकर जानकारी मागी है. इस बीच नागपुर में संदिग्ध दूषित कफ सिरप से संबंधित लक्षण वाले साढ़े तीन साल के मयंक सूर्यवंशी का बुधवार को निधन हो गया. वह वेंटिलेटर पर था. छिंदवाड़ा जिले के परासिया तहसील में मोरडोंगरी गांव के मयंक को 22 सितंबर को बुखार आया था. उसे सबसे पहले परासिया स्थित डॉ. ठाकुर के पास ले जाया गया था. कुछ दवाएं दिए जाने के बाद, उसे पेशाब करने में दिक्कत होने लगी थी और 25 सितंबर को छिंदवाड़ा जिला अस्पताल ने उसे नागपुर रेफर कर दिया था.

कफ सिरप मामले की अब होगी वैश्विक जांच

राजस्थान और मध्य प्रदेश में जहरीले कफ सिरप से 29 से ज़्यादा बच्चों की मौत का मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहुंच गया है. सूत्रों के अनुसार, WHO ने भारत सरकार से जवाब मांगा है. WHO ने भारत सरकार को ईमेल भेजकर जानकारी मांगी है. आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन ने पूछा कि बच्चों को दी जाने वाली दवाओं की भारत में निगरानी कैसे होती है?

डब्ल्यूएचओ ने भारत सरकर से पूछे सवाल 

  • भारत जब कफ सिरप निर्यात में अग्रणी देश है, तो क्या निर्यात से पहले और बाद में गुणवत्ता जांच प्रणाली मजबूत है?
  • मध्य प्रदेश जैसी घटनाओं को रोकने के लिए भारत ने अब तक क्या कदम उठाए हैं?
  • भारत की फार्माकोविजिलेंस प्रणाली (दवा निगरानी व्यवस्था) कितनी प्रभावी है?
  • क्या भारत में भी संक्रमित दवाओं की सार्वजनिक रिकॉल ड्राइव (दूषित दवा वापस लेने की मुहिम) चलाई गई है, जैसी अमेरिका ने 1937 में की थी?

उधर, मध्यप्रदेश पुलिस ने आधी रात चले ऑपरेशन के बाद श्रीसन फार्मास्युटिकल्स के मालिक और ज़हरीले कफ सिरप कांड के मुख्य आरोपी रंगनाथन गोविंदन को गिरफ्तार कर लिया है, अभी तक ये जानलेवा कफ सिरप 20 बच्चों की जान ले चुका है. रंगनाथन, जो घटना के बाद से अपनी पत्नी के साथ फरार था, उसे बुधवार तड़के लगभग 1:30 बजे चेन्नई से गिरफ्तार किया गया. सटीक इनपुट्स पर कार्रवाई करते हुए एसडीओपी परासिया के नेतृत्व में मध्यप्रदेश पुलिस की एक विशेष टीम 5 अक्टूबर को चेन्नई पहुंची थी, यानी एफआईआर दर्ज होने के अगले ही दिन. इस टीम में महिला अधिकारी, साइबर विशेषज्ञ और ड्रग इंस्पेक्टर भी शामिल थे, ताकि तकनीकी पहलुओं पर तत्काल कार्रवाई की जा सके. 

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