महाराष्ट्र में फिलहाल ज्यादातर जगहों पर 50 प्रतिशत की पाबंदी जारी है पर मार्च में राज्य कोविड की पाबंदियों से पूर्ण रूप से आज़ाद हो सकता है लेकिन मास्क से आज़ादी नहीं मिलेगी. यह कहना है राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का. मुंबई में दो साल में सबसे कम तो राज्य में दो महीने में सबसे कम कोरोना के मामले सोमवार को दर्ज किए गए. अब स्वास्थ्य विभाग कोरोना की तीसरी लहर को ख़त्म मान रहा है.
मुंबई शहर बड़ी राहत की सांस ले रहा है. कोरोना वायरस के साथ करीब दो साल तक चली लंबी जंग के बाद पहली बार सोमवार को मुंबई में कोविड के 100 से कम, 96 नए केस मिले. एक दिन में इतने कम केस 17 अप्रैल 2020 के बाद आए हैं. महाराष्ट्र में भी एक हजार से कम 806 कोविड केस दर्ज किए गए हैं. यह दो महीने में एक दिन में सामने आए सबसे कम मामले हैं.
महाराष्ट्र के जालना में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि मार्च तक राज्य बाकी पाबंदियों से मुक्त हो सकता है पर मास्क से आजादी फिलहाल मुमकिन नहीं है. राजेश टोपे ने कहा कि ‘'केंद्र प्रतिबंधों में ढील पर जोर दे रहा है और टास्क फोर्स भी इसके लिए सहमत हो गया है. हम प्रतिबंधों में ढील के लिए अनुरोध करते हुए कैबिनेट बैठक में एक प्रस्ताव रखेंगे और मुझे उम्मीद है कि सीएम सकारात्मक निर्णय लेंगे. अगले महीने मार्च में प्रतिबंध हटने की उम्मीद है. पर मास्क के इस्तेमाल पर छूट देने का सवाल ही नहीं उठता.''
मुंबई ने बीते दो सालों में तीन लहरों की बड़ी मार झेली. स्वास्थ्य विभाग के लिए यह जंग लंबी और बेहद जटिल रही. अब लगभग हर सरकारी और निजी डॉक्टर तीसरी लहर को ख़त्म मान रहा है. आर्थिक राजधानी में कोविड की पाबंदियों का प्रभाव सिर्फ शहर वासियों पर ही नहीं बल्कि यहां से चल रहीं कई जिंदगियों और परिवारों पर पड़ता है. शहर का पूरी तरह पटरी पर लौटना बेहद ज़रूरी है.