कोरोना की नई लहर ने फिर से होटल और ट्रैवल इंडस्ट्री को अपनी चपेट में लेना शुरु कर दिया है. करीब छह महीने पहले होटल कारोबार से जुड़े 35 लाख से ज्यादा लोगों की नौकरियां गई थीं. हजारों ट्रैवल ऐजेंट सड़कों पर आ गए थे. ट्रैवल ऐजेंटों की मानें तो जनवरी में 30 से 50 फीसदी बुकिंग रद्द हो चुकी हैं. जिसका मुख्य कारण फिर से बढ़ता कोरोना का प्रकोप है. इनके सामने फिर से रोजगार को लेकर संकट पैदा हो गया है. वहीं रेस्टोरेंट संचालकों ने गृह सचिव को पत्र लिखकर लॉकडाउन न लगाने का आग्रह किया है. वहीं जानकारों की मानें तो ओमिक्रॉन की इस लहर की चपेट में 60 हजार होटल और 5 लाख रेस्टोरेंट का कारोबार आ सकता है.
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करीब 6 महीने पहले 30 जून को नोएडा में वरुण खेरा ने लाखों रुपए लगाकर अपना रेस्टोरेंट दोबारा शुरु किया था. इस बार नए साल पर अच्छा कारोबार होने की उम्मीद थी, लेकिन अब एक बार फिर से लॉकडाउन का खतरा सता रहा है. इस बीच रेस्टोरेंट एसोसिएशन ने गृह सचिव को पत्र लिख कर लॉकडाउन न लगाने की मांग की है. नोएडा रेस्टोरेंट एसोसिएशन अध्यक्ष वरुण खेरा ने बताया कि हमने सरकार को पत्र लिखा है कि कम से कम समय का लॉकडाउन लगाया जाए, क्योंकि खबर आने से हमारी इंडस्ट्री पर सबसे खराब असर पड़ता है.
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रेस्टोरेंट और होटल कारोबार ही नहीं, दिल्ली-NCR में मृत्युंजय जैसे तमाम छोटे बड़े ट्रैवल ऐजेंट भी मुश्किल में हैं, जिनकी कंपनी को 25 दिसंबर और एक जनवरी को अच्छे कारोबार की उम्मीद थी. लेकिन ओमिक्रॉन के खतरे की वजह से एक के बाद एक टूर कैंसिल हो रहे हैं. उनका कहना है कि अन्तराष्ट्रीय टूर तो 70 फीसदी खत्म हो चुके हैं. घरेलू टूरिस्ट भी 30-40 फीसदी बुकिंग रद्द कर चुके हैं. ट्रिप अड्डा के सीईओ मृत्युंजय सिंह ने बताया कि हमारा मुख्य धंधा फैमिली ट्रेवलर्स पर टिका है. सीजन भी दो चार महीने का ही होता है. ऐसे में जनवरी का पूरा सीजन चला गया और सब बुकिंग कैसिंल हो रही हैं.
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