ओडिशा ट्रेन हादसा ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम से छेड़छाड़ का परिणाम?

ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर 2 जून को हुई दुर्घटना में कम से कम 288 लोग मारे गए. साथ ही इस भीषण दुर्घटना में 1,000 से अधिक घायल हो गए थे. दो दशकों में यह देश की सबसे भीषण रेल दुर्घटना थी. 

विज्ञापन
Read Time: 21 mins
ओडिशा ट्रेन हादसे में 288 लोगों की मौत हो गई थी.
बहानगा/नई दिल्ली :

ओडिशा रेल हादसे (Odisha Train Accident) की आधिकारिक जांच अब ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम को संदिग्ध रूप से मैनुअल बाईपास करने की आशंकाओं पर केंद्रित है. मीडिया रिपोर्ट्स के हवाले के अनुसार, जांच अधिकारी फिलहाल इस बात का पता लगाने में जुटे हैं कि हादसे से ठीक पहले किसी वजह से ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम से छेड़छाड़ तो नहीं की गई है. बता दें कि ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम यह तय करता है कि ट्रेन किस पटरी से होकर जाएगी.  

रॉयटर की खबर के मुताबिक, सूत्रों ने बताया कि जांचकर्ताओं का मानना ​​​​है कि एक एक्‍सप्रेस ट्रेन को उसी पटरी पर भेजा गया जिस पर पहले से ही मालगाड़ी खड़ी थी. तीन में से दो सूत्रों ने बताया कि रेलवे सुरक्षा आयोग के जांचकर्ताओं को संदेह है कि नजदीक के रेल रोड क्रॉसिंग पर सड़क यातायात को रोकने के लिए उपयोग किए जाने वाले खराब बैरियर से उत्पन्न सिग्‍नलिंग बाधाओं को दूर करने के लिए रेलवे कर्मचारियों ने बाईपास किया था. सूत्र अपनी पहचान नहीं बताना चाहते थे क्योंकि वे मीडिया से बात करने के लिए अधिकृत नहीं हैं. 

ओडिशा के बालासोर जिले के बहनागा बाजार स्टेशन पर 2 जून को हुई दुर्घटना में कम से कम 288 लोग मारे गए. साथ ही इस भीषण दुर्घटना में 1,000 से अधिक घायल हो गए थे. दो दशकों में यह देश की सबसे भीषण रेल दुर्घटना थी. 

भारतीय और अंतरराष्‍ट्रीय मीडिया ने पहले ही बताया है कि ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम में संभावित खराबी के कारण दुर्घटना हो सकती है. 

भारतीय रेलवे के एक प्रवक्ता ने कहा, "आवश्यकता के अनुसार मरम्मत का कार्य होता रहता है", लेकिन ऑटोमेटिक सिस्‍टम के साथ छेड़छाड़ की अनुमति नहीं है. उन्होंने दुर्घटना के कारणों के बारे में विस्तार से बताने से इनकार करते हुए कहा, "जांच जारी है."

रेल मंत्रालय के मुख्य सूचना अधिकारी अमिताभ शर्मा ने कहा कि दुर्घटना के कारणों की जांच की जा रही है. जांचकर्ताओं के संदेह के बारे में पूछे जाने पर उन्‍होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम को मैन्युअल रूप से बाईपास किया जा सकता है. शर्मा ने कहा, "ये सभी अटकलें हैं जिनकी हम इस समय पुष्टि नहीं कर सकते हैं."

Advertisement

बहानगा गांव के पांच लोगों ने कहा कि रेलवे क्रॉसिंग पर बैरियर तीन महीने से खराब पड़ा था और उसकी अक्सर मरम्मत की जाती थी. 

उन्‍होंने कहा कि खराबी होने पर बैरियर बंद स्थिति में अटक जाता था और रेल कर्मचारी उसे मैन्‍युअल रूप से खोलते थे.  

Advertisement

वहीं भारतीय रेलवे के एक सेवानिवृत्त अधिकारी ने कहा कि अगर बैरियर खुला होता तो ऑटोमेटिक सिग्‍नलिंग सिस्‍टम ट्रेन को रेल-रोड क्रॉसिंग से आगे नहीं जाने देता. दुर्घटना की जांच की संवेदनशीलता के चलते अधिकारी अपनी पहचान नहीं बताना चाहते. 

ये भी पढ़ें :

* सुरक्षा को लेकर रेलवे सतर्क, सभी सिग्नलिंग रूम को ‘‘डबल लॉक'' करने का आदेश जारी
* VIDEO- "डर रहे थे विद्यार्थी": ओडिशा में ट्रेन दुर्घटना के बाद 'अस्‍थायी मुर्दाघर' बनाए गए स्‍कूल को ढहाया गया
* ओडिशा ट्रेन हादसा : कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच का टक्कर से चंद सेकंड पहले का VIDEO आया सामने

Advertisement
Featured Video Of The Day
PM Modi Kuwait Visit: Kuwait में भारतीय श्रमिकों से कुछ यूं मिले PM मोदी, जानें क्या-क्या बातें हुई