Women MLA Assembly Election 2021 :पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और पुडुचेरी में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव महिलाओं के लिहाज से निऱाशाजनक रहे. महिलाओं के लिए विधानसभा में 33 फीसदी आरक्षण का वादा करने वाले राजनीतिक दल 10 फीसदी महिलाओं को भी विधानसभा में नहीं पहुंचा सके. असम और तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (Assam Tamil nadu Legislative Assembly) में तो महिला विधायकों की संख्या घटकर 5 फीसदी पर आ गई. केरल में महिला विधायकों की संख्या बढ़ी, लेकिन 10 फीसदी तक भी नहीं पहुंच सकी. बंगाल (West Bengal Women MLA) में देश की एकमात्र महिला मुख्यमंत्री होने के बावजूद कोई बदलाव नहीं आया और महिला विधायक की संख्या 2016 के बराबर ही रही. ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) खुद चुनाव हार गईं.
केरल में सबसे छोटी जीत महज 38 वोटों की रही, शैलजा टीचर ने बनाया सबसे बड़ी जीत का रिकॉर्ड
असम में घट गईं महिला विधायक----
असम विधानसभा चुनाव (Assam Legislative Assembly 2021) की 126 सीटों पर 74 महिला उम्मीदवार थीं, इनमें 6 जीती हैं, यह कुल विधायकों का 5 फीसदी से भी कम है. इनमें रेनुपोमा राजखोवा (एजीपी), अजंता नेओग (BJP), सुमन हरिप्रिया (बीजेपी), नंदिता गारलोसा (बीजेपी), सिबामानी बोरा(Congress), नंदिता दास (कांग्रेस) शामिल हैं. जबकि वर्ष 2016 में 91 महिला प्रत्याशियों में से आठ ने जीत दर्ज की थी. वर्ष 2011 के विधानसभा चुनाव में 85 महिलाएं प्रत्याशियों में 14 विधानसभा पहुंचीं थीं.
तमिलनाडु में 20 से 12 रह गईं महिला विधायक---
तमिलनाडु विधानसभा चुनाव (Tamil nadu Legislative Assembly 2021) में इस बार 12 महिला विधायक जीती हैं, 232 सीटों पर हुए चुनाव के हिसाब से ये महज 5 फीसदी हैं. इन 12 महिला विधायकों में 7 डीएमके, 5 एआईएडीएमके गठबंधन की सदस्य हैं. जबकि वर्ष 2016 में 21 महिलाएं जीती थीं जो कुल सीटों का 09 फीसदी था. तमिलनाडु में 2011 में 17 महिलाएं जीती थीं.
2021 विधानसभा चुनाव में तमिलनाडु में नाम तमिलर काची नाम की पार्टी ने 117 महिला प्रत्याशी चुनाव मैदान में उतारे थे. जबकि एआईएडीएमके (AIADMK) ने 14 और डीएमके (DMK) ने 12 महिलाओं को टिकट दिया था. कुल मिलाकर 411 महिला उम्मीदवार थीं. जबकि 2016 में 3787 में 323 महिला प्रत्याशी थीं. यानी इस बार महिला प्रत्याशी तो बढ़ीं, लेकिन निर्वाचित विधायकों की संख्या घट गई.
केरल (kerala)- 11 महिलाएं जीतीं
केरल विधानसभा (Assam Legislative Assembly 2021) की 140 सीटों में इस बार 11 महिला विधायक निर्वाचित हुई हैं. कुल 103 महिला प्रत्याशी मैदान में थीं. इनमें 10 एलडीएफ और एक यूडीएफ प्रत्याशी शामिल हैं. महिला विधायकों में केरल की स्वास्थ्य मंत्री शैलजा टीचर (Shailja Teacher) भी हैं, जिन्होंने रिकॉर्ड 60 हजार से ज्यादा वोटों से चुनाव जीता. केरल विधानसभा चुनाव में वर्ष 2016 में 8 महिलाएं जीती थीं. 1996 में केरल में सर्वाधिक 13 विधायक थीं, लेकिन कभी भी यह आंकड़ा कुल विधायकों के 10 फीसदी भी नहीं पहुंचा.
बंगाल में भी नहीं बदली सूरत----
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 (Bengal Assembly Election 2021)में भी महिलाओं की तादाद पिछली बार की तरह 40 पर ही अटक गई है. जबकि तृणमूल कांग्रेस ने 50 महिला प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था. खुद बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी चुनाव हार गईं. 40 महिला विधायकों में 33 टीएमसी और सात बीजेपी से चुनी गई हैं. वर्ष 2016 में 29 टीएमसी, कांग्रेस 4, लेफ्ट 6 और जीजेएम से एक महिला विधायक जीती थी.
पुडुचेरी में सिर्फ एक महिला विधायक---
पुदुच्चेरी विधानसभा चुनाव (Puducherry Assembly Election 2021) में इस बार सिर्फ एक महिला विधायक जीती है, जबकि वहां कुल 30 सीटें हैं. नेदुनगडु सीट से चंदिरा प्रियंका ने ऑल इंडिया एनआर कांग्रेस (AINRC) के टिकट पर निर्वाचित हुई हैं. जबकि पिछले चुनाव में यहां 4 महिलाएं विधानसभा तक पहुंची थीं. वर्ष 2016 के चुनाव में 20 साल का सूखा खत्म करते हुए चार महिलाओं ने विधानसभा चुनाव जीता थी. इससे पहले आखिरी बार 1996 में एआईएडीएमके (AIDMK) की एस अरासी विधायक थीं.