अभिनेता रणवीर सिंह की मुसीबत बढ़ सकती है, क्योंकि चेंबूर पुलिस ने उनके खिलाफ जो धाराएं लगाई हैं, उसमें आईपीसी के साथ ही IT Act की धारा 67A है, जो गैर-जमानती है और दोषी पाए जाने पर 5 साल की सजा का प्रावधान है. रणवीर सिंह पर अपनी नग्न तस्वीरें सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अश्लीलता फैलाने का आरोप है.एक एनजीओ श्याम गंगाराम फाउंडेशन की शिकायत पर चेंबूर पुलिस ने रणवीर सिंह के खिलाफ FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
शिकायतकर्ता के वकील अखिलेश चौबे ने कहा कि कला के नाम पर जिस तरह नग्नता को समाज के सामने प्रस्तुत कर रहे थे, बच्चे उनकी फिल्मों के फैन हैं और आज सभी के पास मोबाइल फोन है तो ऐसे में बच्चों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता इसलिए इसका विरोध करने के लिए हमने ये शिकायत की थी. बहरहाल, एक राय ये भी है कि इन तस्वीरों में अश्लीलता खोजने की बजाय उसे कला की नजर से देखना चाहिए, लेकिन कानून के जानकारों की मानें तो इन तस्वीरों में कहीं कला का भाव नहीं बल्कि पैसा कमाने का उद्देश्य ही नजर आता है.
साइबर लॉ एक्सपर्ट प्रशांत माली ने इसे लेकर कहा कि आर्ट के फॉर्म के लिए स्कल्पचर होना चाहिए या आर्टिस्टिकली बनाया जाना चाहिए. इनके फोटो को कहीं भी आर्ट फॉर्मेट में कनवर्ट नहीं किया गया है. ये कमर्शियल गेन के लिए की गई नग्न तस्वीरें हैं. हमारे यहां पर बारिश बेकर और स्टेफी ग्राफ का मामला भी चला था, जिसमे उन्होंने क्रुएलिटी अगेंस्ट एनिमल के प्रति जागरूकता फैलानेके लिए किया था. उसमे हाई कोर्ट ने माना था कि आप जिस सोसायटी में रहते हो और उस सोसायटी के हिसाब से कुछ करते हो जहां ये नग्नता नहीं मानी जाती और ये कुछ उद्देश्य से होता है तो उसे क्राइम नहीं मानते हैं, लेकिन इस केस में क्या हुआ है कि उन्होंने कमर्शियल एक्सप्लॉयटेशन के लिए अपनी नग्न पिक्चर खुद के अकाउंट से वायरल की.
चेंबूर पुलिस ने रणवीर सिंह के खिलाफ आईपीसी की धारा 292, 293, 509 और आईटी एक्ट की 67 (A) के तहत मामला दर्ज किया है. कानून के जानकार ये भी बता रहे हैं कि रणवीर सिंह अगर चुनौती दें तो आईपीसी की धाराएं हट सकती हैं क्योंकि इस अपराध के लिए IT act 2000 की धारा 67A अपने में आप में पर्याप्त और बहुत ही गंभीर धारा है. ये गैर जमानती और इसमें 5 साल की सजा का प्रावधान भी है.
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